कैसे मनाते हैं मूर्ख दिवस?

अनिरुद्ध जोशी
प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को लोग अप्रैल फूल (ऑल फ़ूल्स डे) मनाते या कहें कि बनाते हैं। इस दिवस का प्रचलन ज्यादा तर पश्चिमी देशों में रहा है। पश्चिम का अनुसरण करते हुए अब भारतीय लोग भी इस दिवस को मनाने लगे हैं। हालांकि इसमें मनाने जैसा कुछ भी नहीं होता है बनाने जैसा होता है। भारत में इसे मूर्ख दिवस कहते हैं। आओ जानते हैं कि कैसे मनाया जाता है मूर्ख दिवस।
 
 
1. मूर्ख दिवस या अप्रैल फूल डे अलग-अलग देशों में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। रोम में फ्रांस की भांति 7 दिनों तक मनाया जाता है जबकि चीन में बैरंग पार्सल भेजकर मूर्ख बनाया जाता है। जापान में बच्चे पतंग पर इनामी घोषणा लिख कर उड़ाते हैं। पतंग पकड़ कर इनाम मांगने वाला ‘अप्रैल फूल’ बन जाता है।
 
2. अधिकतर जगहों पर लोग एक दूसरे को झूठ बोलकर, उल्लू बनाकर या कोई शरारत करके अप्रैल फूल बनाते हैं। यह दिवस विश्वभर में मौज-मस्ती और हंसी-मजाक के साथ एक-दूसरे को मूर्ख बनाते हुए मनाया जाता है।
 
 
3. अप्रैल फूल डे पर लोग प्रेक्टिकल जोक्स (शरारतें) और अफवाहें फैला कर भी मनाते हैं। जोक्स और शरारतें जिनके साथ की जाती हैं उन्हें अप्रैल फूल या अप्रैल मूर्ख कहा जाता है। लोग अपनी शरारतों का खुलासा, अप्रैल फूल चिल्ला कर करते हैं। अप्रैल फूल मनाने के पीछे का कारण अपने पहचान वालों को बिना अधिक परेशान किए, मजाक के लिए शरारतें करने का होता है।
 
4. इस दिन लोग अपने मित्रों, पड़ोसियों और यहां तक कि घर के सदस्यों से भी बड़े ही विचित्र प्रकार के हंसी-मजाक, मूर्खतापूर्ण कार्य, झूठी सूचना और धोखे में डालने वाले उपहार देकर आनंद लेते हैं।
 
 
5. हर कोई अपने आस-पास के लोगों को उल्लू बनाने अर्थात मूर्ख बनाने का प्रयास करता है। वहीं हर कोई मूर्ख बनने से बचना भी चाहता है, इसलिए इस दिन मिलने वाली किसी भी सूचना या बात को अक्सर बिना जांच पड़ताल के गंभीरता से नहीं लिया जाता है।

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