duty free gold limit india : भारत में सोने का व्यापार सदियों से चला आ रहा है और यह निवेश का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव और इसकी वैश्विक मांग को देखते हुए, भारत सरकार सोने के व्यापार को सीमा शुल्क (Customs Duty) के माध्यम से नियंत्रित करती है। अगर आप विदेश यात्रा से लौट रहे हैं और अपने साथ सोना लाना चाहते हैं, तो इसके कुछ नियम हैं जिनकी जानकारी होना बेहद ज़रूरी है।
क्यों लगती है कस्टम ड्यूटी?
सरकार का मुख्य उद्देश्य देश के घरेलू सोने के बाजार को संतुलित रखना और सोने की तस्करी को रोकना है। इसलिए, विदेश से लाए जाने वाले सोने पर कस्टम ड्यूटी लगती है, जिससे सरकार को राजस्व भी प्राप्त होता है। हालांकि, यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ विशेष छूट दी गई है।
कितनी है ड्यूटी-फ्री लिमिट?
विदेश से भारत आ रहे यात्री एक निश्चित सीमा तक बिना कस्टम ड्यूटी दिए सोना ला सकते हैं। यह सीमा यात्रियों के लिंग और उनके विदेश में रहने की अवधि पर निर्भर करती है: •पुरुषों के लिए: एक भारतीय पुरुष यात्री जो एक साल से अधिक समय से विदेश में रह रहा है, वह अपने साथ 20 ग्राम तक का सोना ड्यूटी-फ्री ला सकता है। इस सोने की कीमत ₹50,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए। •महिलाओं के लिए: एक भारतीय महिला यात्री जो एक साल से अधिक समय से विदेश में रह रही है, वह अपने साथ 40 ग्राम तक का सोना ड्यूटी-फ्री ला सकती है। इस सोने की कीमत ₹1,00,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
विदेश से कैसे ला सकते हैं सोना?
आप विदेश से भारत में किसी भी रूप में सोना ला सकते हैं, जैसे सोने की ज्वैलरी, सिक्के या सोने का बार (Gold Bar)। हालांकि, अगर आप ऊपर दी गई लिमिट से ज्यादा सोना लाते हैं, तो आपको उस पर कस्टम ड्यूटी का भुगतान करना होगा।
क्या होती है प्रक्रिया
भारत में आगमन पर, आपको हवाई अड्डे पर स्थित कस्टम्स कियोस्क पर अपने साथ लाए गए सोने की घोषणा करनी होगी। कस्टम्स ऑफिसर आपके सोने की मात्रा और प्रकार की जांच करेगा। इसके बाद, सोने की मात्रा के हिसाब से लागू सीमा शुल्क की गणना की जाएगी।
याद रखें, घोषणा न करने पर या गलत जानकारी देने पर आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और आपका सोना जब्त भी हो सकता है। इसलिए, सभी नियमों का पालन करना सबसे सुरक्षित तरीका है।