पैंगोंग झील पर क्यों उलझते हैं भारत और चीन, जानिए फिंगर 8 का गणित

अनिरुद्ध जोशी
लद्दाख में पैंगोंग झील के तट पर अक्सर भारत और चीन के सैनिक आमने सामने आ जाते हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हॉट स्प्रिंग्स, गोग्रा और डेपसांग क्षेत्रों पर अक्सर तनातनी होती है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र में पिछले साल 5 मई को हिंसक झड़प के बाद सैन्य गतिरोध उत्पन्न हो गया है। आओ जानते हैं आखिर पैंगोंग झील पर क्यों उलझते हैं भारत और चीन।
 
 
1. दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर है ये झील : लगभग 14,000 फीट से भी ज्‍यादा ऊंचाई पर स्थित पैंगोंग झील एक लंबी संकरी, गहरी, लैंडलॉक्‍ड (जमीन से घिरी हुई) झील है।
 
2. बहुत लंबी और चौड़ी है यह झील : लगभग 135 किलोमीटर लंबी यह झील 604 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है और अपने सबसे विस्तारित बिंदु पर यह 6 किलोमीटर चौड़ी है।
 
3. खारे पानी की झील : खारे पानी की यह झील ठंड में जम जाती है जो लगभग बुमेरांग (Boomerang) के आकार की है। पानी खारा होने के कारण इसमें जलीय जीवन नहीं है।
 
 
4. झील का बंटवारा : इस झील का करीब 45 किलोमीटर क्षेत्र भारतीय राज्य लद्दाख में स्थित है, जबकि 90 किलोमीटर का क्षेत्र चीन द्वारा कब्जे किए गए क्षेत्र में पड़ता है। इस झील को LAC के लगभग मध्य में माना जाता सकता है। लेकिन भारत और चीन इसकी सटीक स्थिति के विषय में सहमत नहीं हैं।
 
5. जॉनसन रेखा : 19वीं सदी के मध्य में यह झील जॉनसन रेखा के दक्षिणी छोर पर थी। जॉनसन रेखा अक्साई चीन क्षेत्र में भारत और चीन के बीच सीमा निर्धारण का पूर्व का प्रयास था।
 
 
6. LAC पर भ्रम की स्थिति : इस क्षेत्र में वास्तविक रूप से LAC कहां पर है इसे लेकर अक्सर दोनों देशों के सैनिकों के बीच भ्रम की स्थिति बनी रहती है। यही कारण है कि कभी चीन की सेना आगे बढ़ जाती है तो कभी भारत की। 
 
7. बैनर ड्रील : जब पैट्रोलिंग करते हुए दोनों देशों की सेना आमने-सामने हो जाती है तो सामान्य तौर पर एक बैनर प्रदर्शित करते हुए दूसरे पक्ष से अपना क्षेत्र खाली करने के लिए कहा जाता है और तब ही तनातनी होती है।
 
 
8. चीन कर रहा है सड़क निर्माण : पिछले कुछ वर्षों में चीनियों ने पैंगोंग त्सो झील के अपनी ओर के तटों पर सड़कों का निर्माण किया है जिसके चलते भी विवाद बढ़ गया है। इन सड़कों के माध्यम से चीन की स्थिति भौगोलिक रूप से पैंगोंग झील के उत्तरी सिरे पर स्थित भारतीय स्थानों की उपेक्षा अधिक मजबूत हो चली है।
 
9.फिंगर्स पॉइंट : झील के उत्तरी तटों पर स्थित ऊंचे-ऊंचे पर्वत पर हर कोई अपना अधिकार चाहता है। इन पर्वतों को सेना 8 फिंगर्स के नाम से संबोधित करती है। भारत का दावा है कि LAC फिंगर 8 से जुड़ी है। जबकि भारत का कंट्रोल फिंगर 4 तक ही है और चीन 8 पर अपनी सेना तैनात किए हुए है। चीन का दावा है कि LAC फिंगर 2 से गुजरती है। भारत की एक परमानेंट पोस्‍ट फिंगर 3 के पास है। कुछ साल पहले चीन ने फिंगर 4 पर कंस्‍ट्रक्‍शन करने की कोशिश की थी जिसे भारत की कड़ी आपत्ति के बाद हटा लिया गया था। भारत फिंगर 8 तक पैदल पैट्रोलिंग करता रहा है। पिछले साल मई में फिंगर 5 एरिया में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं।

पैंगोंग झील के पास 8 पहाड़ियां हैं जो कि हाथ की अंगुगलियों के आकार की हैं और सीमा विवाद फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक है, क्योंकि भारतीय सेना के कब्जे में फिंगर 4 तक का इलाका है, जबकि फिंगर 4 से फिंगर 8 तक इलाका दोनों सेनाओं का पेट्रोलिंग इलाका है।
 
 
10. झील में भी बड़ी सेना की ताकत : पिछले कुछ वर्षों में जल के मुद्दों पर टकराव के कारण भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। दोनों देश गश्ती के लिए अब नौकाओं का भी उपयोग करते हैं। उच्च गति वाली नौकाओं के शामिल होने से चीन के सैनिक अधिक आक्रमक हुए हैं परंतु फिर भी पिछले 7 साल में भारत ने भी चीन से लगी सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत की है।

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