हर क्षण अमूल्य है, इसे पहचानें

सुनील चौरसिया
शनिवार, 13 जुलाई 2019 (19:56 IST)
समय रहते जो काम हंसते-मुस्कराते किए जा सकते हैं, वही समय निकल जाने पर काम पहाड़ जैसा प्रतीत होते हैं। जिंदगी छोटी है, जो तेजी से गुजरती चली जा रही है। जीवन में आने वाला हर पल एक नई जिम्मेदारी का अहसास कराता हुआ आता है। जो आज का काम कल पर टालता है, उसका न तो आज ही आया और न ही कल। समय का पाबंद होना एक व्यवहारकुशल व सफल व्यक्ति की पहचान होती है।
 
जिंदगी का हर पल बहुत ही खास होता है और सफलता उसी के हाथ आती है जिसने समय की कीमत को पहचाना। समय के सदुपयोग की साधना में रत लोगों को न सिर्फ नए अवसरों की प्राप्ति होती है, बल्कि वे प्राप्त अवसरों के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का हुनर भी जानते हैं। इस प्रकार के लोग अपने जीवन के प्रत्येक पल को अपने लक्ष्य की प्राप्ति में उपयोग कर लेना चाहते हैं। उनके पास फालतू के कामों के लिए कोई वक्त ही शेष नहीं होता।
 
इस दुनिया में जितने भी धनवान व्यक्ति हुए हैं, उनमें सभी ने अपने जीवन में समय का अधिक से अधिक उपयोग किया है। टाटा हो या बिड़ला, राकफेलर हो या हेनरी फोर्ड- सभी 24 घंटों में से 18-18 घंटों तक लगातार परिश्रम किया करते थे। अपने व्यापार को आगे बढ़ाने हेतु अपने कार्यों में तल्लीन रहा करते थे। अपने समय का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करते थे।
 
उन लोगों ने आलस्य कभी नहीं किया, क्योंकि वे लोग समय के महत्व को भली-भांति समझते थे। वे जानते थे कि गुजरा हुआ समय कभी वापस नहीं आता। इस संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं, सभी ने समय के महत्व को समझा था और अपना प्रत्येक कार्य बिलकुल ठीक समय पर किया। यही कारण है कि वे जीवन में निरंतर आगे बढ़ते गए।
 
महात्मा गांधी के बारे में कहा जाता है कि वे प्रात: 4 बजे बिस्तर छोड़ देते थे और रात्रि में 2 बजे तक कार्य किया करते थे। आर्य समाज के प्रवर्तक और समाज-सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती मात्र 2 घंटे सोकर अपना काम चला लेते थे।
 
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने अपने जेल प्रवास को पूर्णत: सार्थक बनाते हुए 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' जैसी युगांतरकारी पुस्तक की रचना कर दी। लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल भी 18 घंटे प्रतिदिन कार्य करते थे और उन्होंने अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक यह क्षमता बरकरार रखी।
 
इन लोगों ने समय के महत्व को समझा और उसका भरपूर सदुपयोग किया और इस दुनिया में सफलता का इतिहास रच दिया। आप भी अपने अनमोल समय का सदुपयोग कर सफलता का इतिहास रच सकते हैं। हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है, लेकिन समय एक बार ही मिलता है। अगर इंतजार में बैठे रहेंगे, यह सोचेंगे कि अभी थोड़ी देर रुक जाएं, फिर कर लेंगे, तो वह गलत है। अत: अपना प्रयास जारी रखें, लगातार कर्म से युक्त रहें, यही सफलता की ओर आपका कदम होगा।
 
बीता हुआ पल कभी वापस नहीं आता है। आगे बढ़ने के जो अवसर इस समय आपके पास मौजूद हैं, वे हमेशा आपके पास रहने वाले नहीं हैं। अत: अपने जीवन के प्रत्येक पल का सदुपयोग कर आप विजयश्री अर्जित कर सकते हैं। समय की कीमत को जो लोग जान जाते हैं, समझ लेते हैं, वही जीवन में सफलता के परचम लहरा सकते हैं।

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