माता लक्ष्मी के प्रिय 11 भोग, अर्पित करने से नहीं रहती धन की कमी

अनिरुद्ध जोशी
दीपावली के दिन माता लक्ष्मी को यदि ये भोग लगाएंगे तो उनकी कृपा सदा आप पर बनी रहेगी। लेकिन ध्यान रहे कि माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना सदा भगवान विष्णुजी के साथ ही करना चाहिए। लक्ष्मीजी को धन की देवी माना गया है। कहते हैं कि अर्थ बिना सब व्यर्थ है। लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग को लक्ष्मी मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए या दीपावली के दिन पूजा के दौरान इन्हें अर्पित करें।
 
 
लक्ष्मी भोग
1. केसर भात : पीले रंग के केसर भात भी माता को अर्पित करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है।
2. पीले रंग के मिष्ठान : माता लक्ष्मी को पीले और सफेद रंग के मिष्ठान अर्पित किए जाते हैं। 
3. खीर : माता लक्ष्मी को चावल की खीर में किशमिश, चारोली, मखाने और काजू मिलाकर अर्पित करें।
4. हलुआ : शुद्ध घी का हलुआ माता को प्रिय है। 
5. ईख (गन्ना) : दीपावली के दिन गन्ना को इसलिए अर्पित किया जाता क्योंकि उनके सफेद हाथी को यह प्रिय है।
6. सिघाड़ा : सिंघाड़ा माता लक्ष्मी को बहुत ही पसंद है। इसकी उत्पत्ति भी जल से होती है। 
7. मखाना : जिस तरह माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र से हुई उसी तरह मखाने की उत्पत्ति भी जल से हुई है। मखाना कमल के पौधे से मिलता है।
8. बताशे : पताशा या बताश भी माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है। रात्रि की पूजा में इसे अर्पित किया जाता है। 
9. नारियल : नारियल को श्रीफल भी कहते हैं। इसमें सबसे शुद्ध जल भरा रहता है। श्रीफल होने के कारण माता यह बहुत पसंद है।
10. पान : माता लक्ष्मी की पूजा में मीठा पान का बहुत महत्व है। यह प्रसन्नता और समृद्धि का प्रतीक है। 
11. अनार : मां लक्ष्‍मी को फलों में अनार बेहद प्रिय है। दीपावली की पूजन के दौरान अनार जरूर अर्पित करें।
 
इसके अलावा पूजन के दौरान 16 प्रकार की गुजिया, पपड़ियां, अनर्सा, लड्डू चढ़ाएं जाते हैं। आह्वान में पुलहरा चढ़ाया जाता है। इसके बाद चावल, बादाम, पिस्ता, छुआरा, हल्दी, सुपारी, गेंहूं, नारियल अर्पित करते हैं। केवड़े के फूल और आम्रबेल का भोग अर्पित करते हैं। जो कोई भी व्यक्ति एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी के मंदिर में उन्हें यह भोग लगाता है तो उसके घर में हर तरह की शांति और समृद्धि रहती है। किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं रहती।
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