23 जनवरी : कुष्‍ठ निवारण अभियान दिवस आज, जानिए लक्षण एवं उपचार

Webdunia
Leprosy Prevention Campaign Day
 

हर साल 23 जनवरी के दिन को कुष्‍ठ निवारण अभियान दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं कैसे हुई इस दिन की शुरुआत। 
 
कुष्ठ रोग यानी कोढ़ एक दीर्घकालिक रोग है, जो कि माइकोबैक्टेरियम लेप्री और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमैटॉसिस जैसे जीवाणुओं की वजह से होता है। कुष्ठ रोग के रोगाणु की खोज 1873 में हन्सेन ने की थी, इसलिए कुष्ठ रोग को 'हन्सेन रोग' भी कहा जाता है।
 
कुष्ठ रोग के संकेत व लक्षण-
 
* त्वचा पर घाव होना कुष्ठ रोग के प्राथमिक बाह्य संकेत हैं। 
 
* घावों से हमेशा मवाद का बहने रहना।
 
* इस रोग से त्वचा के रंग और स्वरूप में परिवर्तन दिखाई देने लगता है। 
 
* इस तरह के घावों के होने व उनके ठीक ना होने के कारण रोगी के अंग धीरे-धीरे गलने लगते हैं और पिघल कर गिरने लगते हैं। जिससे रोगी धीरे-धीरे अपाहिज होने लगता है।
 
* कुष्ठ रोग में त्वचा पर रंगहीन दाग हो जाते हैं जिन पर किसी भी चुभन का रोगी को कोई असर नहीं होता। 
 
* इस रोग के कारण शरीर के कई भाग सुन्न भी हो जाते हैं।
 
* खून का घावों पर से निकलते रहना।
 
* यदि इसका उपचार न किया जाए तो कुष्ठरोग पूरे शरीर में फैल सकता है जिससे शरीर की त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों सहित शरीर के कई भागों में स्थायी क्षति हो सकती है। 
 
इलाज- 
 
आधुनिक चिकित्सा प्रणाली ने इतनी तरक्की कर ली है कि आज कुष्ठ रोग का इलाज कई वर्ष पूर्व ही संभव हो गया था। आज के समय में इस रोग की मल्टी ड्रग थैरेपी उपलब्ध है। अगर सही इलाज किया जाए तो रोगी निश्चित ही कुष्ठ रोग से मुक्त होकर एक सामान्य जिंदगी जी सकता है।
 
वर्तमान समय में कुष्ठ रोग का इलाज 2 प्रकार से हो रहा है। 
 
1. पॉसी-बैसीलरी कुष्ठ रोग (त्वचा पर 1-5 घाव का होना) का उपचार 6 माह तक राइफैम्पिसिन और डैप्सोन से किया जाता है बल्कि मल्टी-बैसीलरी कुष्ठ रोग (त्वचा पर 5 से ज्यादा घाव का होना) का उपचार 12 माह तक राइफैपिसिन, क्लॉफैजिमाइन और डैप्सोन से किया जाता है। 
 
2. अगर आप कुष्‍ठ रोग ग्रसित हैं तो अपने आस-पास के डॉक्‍टर से संपर्क करें। सरकारी अस्पताल द्वारा रिहाइशी इलाकों में मौजूद स्वास्थ्य केंद्रों में कुष्ठ रोग का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध है। भारत में राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान का कुष्ठ रोग के क्षेत्र में अहम योगदान है।
 
अंतरराष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण कब मनाया जाता है?
 
विश्वभर में हर साल 30 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के प्रयासों की वजह से ही हर वर्ष 30 जनवरी गांधीजी की पुण्यतिथि को कुष्ठ रोग निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसको मनाने का उद्देश्‍य लोगों में इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाना है। 

-आरके

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सार्थक बाल साहित्य सृजन से सुरभित वामा का मंच

महंगे क्रीम नहीं, इस DIY हैंड मास्क से चमकाएं हाथों की नकल्स और कोहनियां

घर में बेटी का हुआ है जन्म? दीजिए उसे संस्कारी और अर्थपूर्ण नाम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

अगला लेख