Festival Posters

Diwali 2025: दिवाली की 'महानिशा' क्यों अघोरियों के लिए है विशेष, श्मशान में किस देवी की करते हैं साधना

WD Feature Desk
गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025 (17:44 IST)
Aghori Puja On Diwali: भारत में दिवाली का त्योहार जहां एक ओर दीपों की रौशनी, मां लक्ष्मी की पूजा और पारिवारिक उल्लास का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर, यह अमावस्या की वह रात भी है जिसे तंत्र साधना की दुनिया में 'महानिशा' कहा जाता है। गृहस्थों के लिए यह धन और सुख का पर्व है, लेकिन अघोरियों और तांत्रिकों के लिए यह सिद्धियों की प्राप्ति का सबसे बड़ा और सबसे उपयुक्त समय होता है।

अमावस्या की रात अघोरी करते हैं ये विशेष साधना: दिवाली की रात कार्तिक मास की अमावस्या को पड़ती है, जब चंद्रमा का प्रकाश पूरी तरह से अनुपस्थित होता है। तंत्र शास्त्र में, यह समय 'अंधकार की गहरी रात' माना जाता है, जिसमें लौकिक और अलौकिक शक्तियां अपनी चरम सीमा पर होती हैं। मां काली को ब्रह्मांड की परम शक्ति, नकारात्मकता और बुरी शक्तियों का नाश करने वाली देवी माना जाता है। तंत्र की शक्ति मुख्य रूप से महाकाली से ही प्राप्त होती है। अघोरी इस रात श्मशान घाट में विशेष मंत्रोच्चारण और अनुष्ठानों के साथ माता काली की उपासना करते हैं ताकि तांत्रिक सिद्धियां हासिल कर सकें, जो उन्हें कष्टों से मुक्ति और असाधारण शक्तियां प्रदान करती हैं। यह रात विशेष ऊर्जा से युक्त होती है, जिसके कारण तंत्र साधना के परिणाम तीव्र और शक्तिशाली माने जाते हैं। तांत्रिक इस रात को अपनी शक्तियों को बढ़ाने और शत्रु बाधाओं को दूर करने के लिए उपयोग करते हैं।

उज्जैन का चक्रतीर्थ श्मशान क्यों कहलाता है तांत्रिकों का महातीर्थ: धार्मिक नगरी उज्जैन, जहां भगवान महाकाल दक्षिणमुखी होकर विराजमान हैं, प्राचीन काल से ही एक प्रमुख तंत्र पीठ मानी जाती है। यहां का श्मशान घाट अघोरियों और तांत्रिकों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसे 'चक्रतीर्थ' का दर्जा दिया गया है। दिवाली की महानिशा में असम, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से तांत्रिक साधक तंत्र क्रियाएं और शक्तियों को जाग्रत करने के लिए उज्जैन के चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर डेरा डालते हैं।
साधना के प्रकार: मान्यताओं के अनुसार, अघोरी यहां तीन तरह की साधनाएं करते हैं—
• श्मशान साधना
• शिव साधना
• शव साधना
ये साधनाएं अत्यंत कठिन और रहस्यमय मानी जाती हैं, जिनका उद्देश्य भौतिक सुखों से ऊपर उठकर अलौकिक शक्तियों और मुक्ति को प्राप्त करना होता है।

काशी का मणिकर्णिका घाट क्यों कहलाता है औघड़ दानी का निवास: काशी, जिसे भगवान शिव का त्रिशूल पर बसाया हुआ नगर कहा जाता है, तंत्र साधना का एक और सबसे बड़ा केंद्र है। यहां महादेव स्वयं औघड़ दानी  के रूप में महा श्मशान में विराजते हैं। दिवाली की रात काशी के मणिकर्णिका घाट का नज़ारा रोंगटे खड़े कर देने वाला हो सकता है। जलती चिताओं के बीच, तांत्रिक और अघोरी यहां एक पैर पर खड़े होकर शव साधना करते हैं। बाबा औघड़ दानी के समक्ष तांत्रिक क्रियाओं के तहत नरमुंडों में खप्पर भरकर 40 मिनट तक विशेष आरती की जाती है। यह प्रथा अंधकार में प्रकाश की शक्ति और जीवन-मृत्यु के चक्र को स्वीकार करने के अघोर दर्शन को दर्शाती है। इस प्रकार, दिवाली की रात अघोरियों के लिए केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि अपने इष्ट महाकाली और औघड़ दानी की उपासना से सिद्धियां और मोक्ष प्राप्त करने की महारात्रि है।
ALSO READ: Diwali rashifal 2025: दिवाली पर बन रहा है वैभव लक्ष्मी योग, 6 राशियों के यहां धन की होगी बरसात

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Lal Kitab Kanya rashi upay 2026: कन्या राशि के जातकों के लिए लाल किताब के अचूक उपाय, शनि से रहना होगा सतर्क

Horoscope 2026: नया साल आपकी किस्मत कैसे बदलेगा? जानें महत्वपूर्ण मौके, चुनौतियां और उपाय (वार्षिक राशिफल 2026)

Meen Rashi 2026: मीन राशि का राशिफल: शनि और राहु से रहें बचकर, गुरु करेंगे भविष्य तय

बृहस्पति का पुन: मिथुन राशि में होने वाला है गोचर, 12 राशियों की बदल जाएगी किस्मत

Trigrahi yog: वृश्चिक राशि में बना त्रिग्रही योग, 5 राशियों के लिए है बहुत ही शुभ समय

सभी देखें

धर्म संसार

Mangal Gochar: मंगल का धनु में गोचर, 12 राशियों राशिफल

Saphala Ekadashi: सफला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

Shubh Yog: आज चार शुभ योग में खरीदे 5 शुभ वस्तुएं, घर में रहेगी सुख और शांति

Pushya nakshatra: 8 दिसंबर को पुष्य नक्षत्र, जानिए इस दिन कौनसा उपाय करने से शनिदेव होंगे प्रसन्न

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (08 दिसंबर, 2025)

अगला लेख