उज्जैन के इस शक्तिपीठ पर राजा विक्रमादित्य ने 11 बार देवी को अर्पित किया था अपना शीश, जानिए मंदिर से जुड़े रहस्य

WD Feature Desk
बुधवार, 26 मार्च 2025 (07:10 IST)
harsiddhi mandir ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है माता का हरसिद्धि मंदिर। हरसिद्धि मंदिर माता के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि इस जगह पर देवी सती की कोहनी गिरी थी। यूं तो इस मंदिर के कई आकर्षक है लेकिन एक खास वजह से यह हमेशा ही लोगों में चर्चा का केंद्र बना रहता है वह है मंदिर में बने दो दीप स्तंभ। लगभग 51 फीट ऊंचे इस दीप स्तंभ के बारे में मान्यता है कि इस उज्जैन के सम्राट राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। इस तरह से यह दीप स्तंभ लगभग 2000 साल से ज्यादा पुराना है। 

सम्राट विक्रमादित्य ने 11 बार अपना सिर माता को किया अर्पित
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उज्जैन के राजा विक्रमादित्य माता हरसिद्धि के अनन्य भक्त थे। जैन श्रुति के अनुसार वे घर बाहर साल में अपना सिर माता हरसिद्धि को अर्पित कर दिया करते थे लेकिन देवी की कृपा से उन्हें चमत्कारी रूप से हर बार नया सिर मिल जाता था लेकिन 12वीं बार जब उन्होंने अपना सिर देवी को चढ़ा कर अर्पित किया तो वह वापस नहीं आया और इस तरह से उनके जीवन का अंत हो गया।

ALSO READ: ये हैं मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध देवी माता मंदिर, चैत्र नवरात्रि में दर्शन करने से मिलती है देवी मां की विशेष कृपा
कैसे जाएं हरसिद्धि मंदिर और कहां ठहरें
हरसिद्धि मंदिर पहुंचने के लिए आपको उज्जैन शहर पहुंचना होगा। हिंदुओं की बड़ी धार्मिक नगरी होने की वजह से उज्जैन बस और रेल मार्ग से पूरे देश से अच्छी तरह से कनेक्ट है। उज्जैन से इंदौर और भोपाल की दूरी करीब 55 किमी है। इन दो शहरों से भी आसानी से उज्जैन पहुंचा जा सकता है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।



सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

हिंदू नववर्ष पर घर के सामने क्यों बांधी जाती है गुड़ी?

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम, बढ़ सकती हैं परेशानियां

29 मार्च को शनि और राहु की युति से बन रहा है पिशाच योग, बचने के 10 उपाय

सूर्य ग्रहण और शनि के मीन राशि में प्रवेश का दुर्लभ संयोग, क्या होगा देश दुनिया का हाल? कौनसी 6 राशियां रहेंगी बेहाल?

सभी देखें

धर्म संसार

कब मनेगी ईद 31 मार्च या 1 अप्रैल, जानिए सही तारीख

नवरात्रि की प्रथम देवी मां शैलपुत्री की कथा

नवरात्रि की दूसरी देवी मां ब्रह्मचारिणी की कथा

नवरात्रि की तीसरी देवी मां चंद्रघंटा की कथा

चैत्र नवरात्रि 2025 पर अपनों को शेयर करें ये विशेस और कोट्स, मां दुर्गा के आशीर्वाद से जीवन होगा मंगलमय

अगला लेख