Aja Ekadashi 2024: अजा एकादशी पर होगा पापों का नाश, जानिए किन चीजों का करें दान और कैसे रखें व्रत

Bhadrapada Aja Ekadashi 2024: अजा एकादशी का व्रत रखने से मिलेगा अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल

WD Feature Desk
बुधवार, 28 अगस्त 2024 (15:12 IST)
भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। इस बार 29 अगस्त 2024 गुरुवार के दिन अजा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इस एकादशी का पुराणों में बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के साथ ही जातक अपने पापों का नाश भी कर सकता है।ALSO READ: Aja ekadashi 2024: अश्‍वमेध यज्ञ के बराबर फल देता है यह व्रत, पढ़ें अजा एकादशी की कथा
 
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 29 अगस्त 2024 को सुबह 01:19 बजे से।
एकादशी तिथि समाप्त- 30 अगस्त 2024 को सुबह 01:37 बजे तक।
पारण मुहूर्त : 30 अगस्त को सुबह 07:49 से सुबह 08:31 के बीच।
 
अजा एकादशी व्रत रखने से होता है पापों का नाश: धार्मिक मान्यतानुसार यह दिन भगवान की कृपा पाने और इस एकादशी का व्रत करने से पिशाच योनि छूट जाती है। इस एकादशी व्रत से जप, दान तथा यज्ञ आदि करने का फल सहजता से ही प्राप्त हो जाता है तथा हजार वर्ष तक स्वर्ग में वास करने का वरदान मिलता है। जया या अजा एकादशी व्रत करने से जीवन की हर तरह की परेशानियों से मुक्ति तथा जाने-अनजाने में हुए सभी पाप खत्म हो जाते हैं। यह एकादशी व्रत मोक्ष मिलता है तथा दोबारा मनुष्य जन्म नहीं लेना पड़ता। अत: इसे जया एकादशी भी कहा जाता है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली यह एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली तथा अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल देने वाली मानी जाती है।
 
दान का महत्व : शास्त्रों के अनुसार इस दिन लोग मन की शांति, मनोकामना पूर्ति, पुण्य की प्राप्ति, ग्रह-दोषों के प्रभाव से मुक्ति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करते हैं। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इसलिए एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करना चाहिए।  ALSO READ: अजा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? जानिए इसके फायदे

जया अजा एकादशी कैसे रखें व्रत:-
  • स्कंदपुराण के अनुसार जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन, व्रत और उपवास रखकर तिल का दान और तुलसी पूजा का विशेष महत्व है।
  • एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके श्री विष्‍णु का ध्‍यान करें।
  • तत्पश्चात व्रत का संकल्‍प लें।
  • फिर घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्‍णु की प्रतिमा स्‍थापित करें।
  • एक लोटे में गंगा जल लेकर उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलाएं।
  • अब इस लोटे से जल की कुछ बूंदें लेकर चारों ओर छिड़कें।
  • फिर इसी लोटे से घट स्‍थापना करें।
  • अब भगवान विष्‍णु को धूप, दीप दिखाकर उन्‍हें पुष्‍प अर्पित करें।
  • अब एकादशी की कथा का पाठ पढ़ें अथवा श्रवण करें।
  • शुद्ध घी का दीया जलाकर विष्‍णु जी की आरती करें। 
  • श्री विष्णु के मंत्रों का ज्यादा से ज्यादा जाप करें। 
  • तत्पश्चात श्रीहरि विष्‍णु जी को तुलसी दल और तिल का भोग लगाएं।
  • विष्‍णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
  • शाम के समय भगवान विष्‍णु जी की पूजा करके फलाहार करें।
  • श्री हरि विष्णु के भजन करते हुए रात्रि जागरण करें।
  • अगले दिन द्वादशी तिथि को योग्य ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
  • इसके बाद स्‍वयं भी भोजन ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
  • इस दिन व्रत और पूजा के साथ-साथ गरीब लोगों को गर्म कपड़े, तिल और अन्न का दान करने से कई यज्ञों का फल प्राप्त होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के तीसरे दिन के अचूक उपाय और पूजा का शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2024 date and time: दिवाली के पहले धनतेरस का पर्व कब मनाया जाएगा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Shardiya navratri 2024: शारदीय नवरात्रि में डोली पर सवार होकर आएंगी माता दुर्गा, जानिए कैसा रहेगा देश दुनिया का हाल

Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के दूसरे दिन क्या करें, जानें इस दिन के अचूक उपाय और पूजा मुहूर्त

Parivartini Ekadashi Vrat: परिवर्तिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? जानें इस व्रत का महत्व और फायदे

सभी देखें

धर्म संसार

09 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

09 सितंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

September Weekly Horoscope: सितंबर में इन राशि वालों के लिए खुलेंगे तरक्की के दरवाजे, पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल

Aaj Ka Rashifal: 08 सितंबर, क्या होगा खास आज के दिन, पढ़ें मेष से मीन राशि का दैनिक राशिफल

08 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

अगला लेख