Biodata Maker

Dev uthani ekadashi puja: देवउठनी एकादशी पर चौकी कैसे बनाएं

WD Feature Desk
बुधवार, 29 अक्टूबर 2025 (15:30 IST)
Tulsi Vivah puja ka chowk kaise banate hain: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन देव उठनी एकादशी का व्रत रखकर शाम को विष्णु पूजा के बाद तुलसी और शालिग्राम विवाह किया जाता है। इसके लिए चौकी बनाई जाती है। यह चौकी तुलसी माता के गमले के ठीक सामने या दाईं ओर स्थापित की जाती है, ताकि तुलसी विवाह की रस्में पूरी की जा सकें। इस चौकी का उपयोग शालिग्राम जी को स्थापित करने के लिए किया जाता है। चावल के आटे से चौक बनाया जाता है। चौक के बीच में भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति रखी जाती है। इसके साथ ही चौक से भगवान के चरण चिह्न भी बनाए जाते हैं, जो ढककर रखे जाते हैं। देवउठनी एकादशी पर चौकी तैयार करने की विधि इस प्रकार है। 
 
देवउठनी एकादशी पर चौकी बनाने की विधि:-
आवश्यक सामग्री:-
चौकी या पाटा: लकड़ी की एक छोटी चौकी या पाटा (आसन)।
लाल या पीला वस्त्र: चौकी पर बिछाने के लिए कपड़ा।
गेरू या हल्दी: चौकी के स्थान पर लगाने के लिए (वैकल्पिक)।
आटा या चावल का पेस्ट: अष्टदल कमल बनाने के लिए (वैकल्पिक)।
कलश: एक छोटा तांबे या मिट्टी का कलश।
नारियल: एक पानी वाला नारियल।
आम के पत्ते: 5 या 7 पत्ते।
शालिग्राम जी: (भगवान विष्णु का प्रतीक) यदि उपलब्ध हों।
फूल और माला: चौकी सजाने के लिए।
 
चौकी सजाने की चरण-दर-चरण विधि
1. स्थान का चुनाव और सफाई
स्थान: चौकी को तुलसी के गमले के पास, आंगन, पूजा घर या छत पर स्थापित करें।
सफाई: उस स्थान को अच्छी तरह से साफ करें और गंगा जल छिड़ककर पवित्र करें।
चौक पूरना: यदि संभव हो तो उस स्थान पर गेरू से चौकोर चौक या रंगोली बनाएं।
 
2. चौकी पर वस्त्र बिछाना: चौकी को अच्छी तरह पोंछकर साफ करें। इस पर लाल या पीला (शुभ) वस्त्र बिछाएँ। सुनिश्चित करें कि वस्त्र चारों ओर से थोड़ा लटका हुआ हो।
 
3. अष्टदल कमल बनाना: बिछे हुए वस्त्र के ऊपर, आटे या चावल के पेस्ट से अष्टदल कमल (आठ पंखुड़ियों वाला कमल) बनाएं। यह भगवान के आसन का प्रतीक है।
 
4. कलश स्थापना
 
5. शालिग्राम जी की स्थापना
1. कलश के पास या सामने, चौकी के बीचों-बीच, शालिग्राम जी को स्थापित करें।
2. शालिग्राम जी को पंचामृत से स्नान कराकर, पीला वस्त्र पहनाकर और चंदन का तिलक लगाकर उनका श्रृंगार करें।
 
6. मंडप तैयार करना (वैकल्पिक लेकिन महत्वपूर्ण):-
  1. हालांकि मंडप तुलसी के गमले पर बनता है, चौकी को भी मंडप का हिस्सा बनाया जाता है।
  2. चौकी और गमले के चारों ओर गन्ने के डंडों से एक छोटा मंडप या घेरा बनाएं।
  3. इस मंडप को लाल चुनरी से ढक दें।
  4. इस प्रकार, देवउठनी एकादशी के लिए शालिग्राम जी की चौकी तैयार हो जाती है, जो तुलसी माता के साथ उनके प्रतीकात्मक विवाह के लिए वर पक्ष का आसन बनती है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi deep daan: देव उठनी एकादशी पर कितने दीये जलाएं

यदि आपका घर या दुकान है दक्षिण दिशा में तो करें ये 5 अचूक उपाय, दोष होगा दूर

Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी की पूजा और तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख पर '94' लिखने का रहस्य: आस्था या अंधविश्‍वास?

Vishnu Trirat Vrat: विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है, इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है?

सभी देखें

धर्म संसार

Shukra gochar 2025: शुक्र का तुला राशि में गोचर, 2 राशियों को रहना होगा सतर्क

Guru gochar 2025: बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा लाभ ही लाभ, चमक जाएगी किस्मत

Dev Uthani Ekadashi Wedding Muhurat: देव उठनी एकादशी 2025 विवाह मुहूर्त है या नहीं?

Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी 1 नवंबर को है या कि 2 नवंबर 2025 को है? सही डेट क्या है?

Dev uthani ekadashi deep daan: देव उठनी एकादशी पर कितने दीये जलाएं

अगला लेख