Ddev uthani ekadashi vrat ka paran: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी को देव उठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार देव उठनी ग्यारस का व्रत 1 नवंबर 2025 को रखा जाएगा और इसका पारण 2 नंवबर को होगा। देव उठनी एकादशी तिथि 1 नवंबर 2025 को सुबह 09:11 बजे प्रारंभ होकर 2 नवंबर 2025 को सुबह 07:31 बजे समाप्त होगी।
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	देव उठनी एकादशी व्रत के पारण का समय:-
	चूंकि एकादशी तिथि 1 नवंबर को सूर्योदय के समय मौजूद रहेगी (उदया तिथि), इसलिए व्रत 1 नवंबर को ही व्रत रखा जा रहा है। देवउठनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। व्रत का पारण अगले दिन, यानी 2 नवंबर 2025 को दोपहर 01 बजकर 11 मिनट के बाद से लेकर शाम 03 बजकर 23 मिनट के बीच व्रत कर सकते हैं।
	 
	दिनांक 2 नवंबर 2025 के शुभ मुहूर्त:
	अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:42 से 12:26 तक। विष्णु पूजा का मुहूर्त।
	गोधूलि मुहूर्त: शाम को 05:35 से 06:01 तक। तुलसी विवाह का मुहूर्त।
	प्रदोषकाल मुहूर्त: शाम 06:31 से रात्रि 07:41 तक रहेगा। तुलसी विवाह का मुहूर्त।
								
								
								
										
			        							
								
																	
	 
	देवउठनी एकादशी का व्रत पारण द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है। व्रत पारण (समाप्ति) की विधि और इस दिन पालन किए जाने वाले महत्वपूर्ण नियम नीचे दिए गए हैं:-
	 
	1. व्रत पारण (द्वादशी तिथि) की विधि: 
	स्नान और शुद्धि: द्वादशी तिथि की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर तथा मंदिर की सफाई करें।
	सूर्य अर्घ्य: सूर्य देव को जल (अर्घ्य) अर्पित करें।
	पूजा-अर्चना: विधि-विधान से भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करें।
	पाठ और मंत्र: विष्णु चालीसा और विष्णु मंत्रों का जप करें।
	भोग लगाएं: भगवान को सात्विक भोजन का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते अवश्य शामिल करें।
	प्रार्थना: प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
	प्रसाद वितरण: सबसे पहले लोगों में प्रसाद का वितरण करें, और फिर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करें।
	 
	2. एकादशी और द्वादशी पर ध्यान रखने योग्य बातें:
	पारण: व्रत के दौरान और पारण के दिन इन बातों का खास ध्यान रखें।
	भोजन: एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
	व्यवहार: किसी से वाद-विवाद न करें और किसी के बारे में गलत न सोचें।
	वस्त्र: काले रंग के कपड़े धारण न करें।
	स्वच्छता: घर और मंदिर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
	 
	3. इस दिन दान करने योग्य वस्तुएं: 
	भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए देवउठनी एकादशी के दिन ये चीज़ें दान करें।
	अन्न और धन: मंदिर या गरीब लोगों में अन्न और धन का दान करें। 
	पीली वस्तुएँ: पीली चीज़ों (जैसे पीले वस्त्र, फल या मिठाई) का दान करना शुभ माना जाता है
	मान्यता: एकादशी के दिन इन चीजों का दान करने से धन लाभ का योग बनता है और प्रभु की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं।