Mokshada Ekadashi का शुभ मुहूर्त क्या है? जानिए 10 सरल बातें

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Mokshada Ekadashi 2021:  मोक्षदा एकादशी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
 
मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली पवित्र तिथि है। नाम से ही स्पष्ट है कि इस एकादशी का संबंध मोक्ष से है। मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती एक दिन ही आती है। इस दिन श्रीकृष्ण ने वीर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। 
 
इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 14 दिसंबर 2021 को है। Mokshada Ekadashi मोक्षदा एकादशी व्रत के प्रभाव से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई जन्मों के पापों का नाश होता है और शुभ फल की प्रप्ति होती है। 
 
-प्रत्येक माह की 11वीं तिथि को एकादशी कहते हैं। 
 
-एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित दिन माना जाता है। 
 
एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी आती हैं, एक शुक्ल पक्ष की और दूसरी कृष्ण पक्ष की।
 
एक वर्ष में कम से कम 24 एकादशी हो सकती हैं, लेकिन अधिक मास (अतिरिक्त महीने) के मामले में यह संख्या 26 भी हो सकती है।
 
मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। 
 
मोक्ष की प्रार्थना के लिए यह एकादशी मनाई जाती है। 
 
मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती एक दिन आती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था। 
 
भगवान कृष्ण की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों को स्वर्ग तक पहुंचने में मदद मिलती है। 
मोक्षदा एकादशी की तुलना मणि चिंतामणि से की जाती है, जो सभी मनोकामनाएं पूरी करती है।
 
इस साल मोक्षदा एकादशी 14  दिसंबर को मनाई जाएगी। 
मोक्षदा एकादशी का मुहूर्त 
 
एकादशी तिथि प्रारंभ:  13 दिसंबर, रात्रि 9: 32 मिनट से 
एकदाशी तिथि समाप्त: 14 दिसंबर रात्रि 11:35 मिनट पर
व्रत का पारण:  15 दिसंबर प्रातः 07: 5 मिनट से प्रातः 09: 09 मिनट तक
मोक्षदा एकादशी उपवास से पूर्वजों को मिलता है मोक्ष, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पारण का समय और व्रत कथा

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