वरूथिनी एकादशी 2018 : कई वर्षों की तपस्या का मिलता है फल, पढ़ें कथा

Webdunia
युधिष्ठिर बोले, हे भगवन्!  मैं आपको नमस्कार करता हूं। वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है, उसकी कथा क्या है आप विस्तारपूर्वक मुझसे कहिए। 
 
श्रीकृष्ण कहने लगे- हे राजेश्वर! इस एकादशी का नाम वरूथिनी है। यह सौभाग्य देने वाली, सब पापों को नष्ट करने वाली तथा अंत में मोक्ष देने वाली है। 


ALSO READ: एकादशी के दिन ग्रहण न करें ये वस्तुएं...

 
इसकी कथा यह है कि प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नामक राजा राज्य करता था। वह अत्यंत दानशील तथा तपस्वी था। एक दिन जब वह जंगल में तपस्या कर रहा था, तभी न जाने कहां से एक जंगली भालू आया और राजा का पैर चबाने लगा। राजा पूर्ववत अपनी तपस्या में लीन रहा। कुछ देर बाद पैर चबाते-चबाते भालू राजा को घसीटकर पास के जंगल में ले गया।

ALSO READ: 12 अप्रैल को है वरूथिनी एकादशी, ये हैं शुभ मुहूर्त
 
राजा बहुत घबराया, मगर तापस धर्म अनुकूल उसने क्रोध और हिंसा न करके भगवान विष्णु से प्रार्थना की, करुण भाव से भगवान विष्णु को पुकारा। उसकी पुकार सुनकर भगवान श्रीहरि विष्णु प्रकट हुए और उन्होंने चक्र से भालू को मार डाला। 
 
राजा का पैर भालू पहले ही खा चुका था। इससे राजा बहुत ही शोकाकुल हुआ। उसे दुखी देखकर भगवान विष्णु बोले- 'हे वत्स! शोक मत करो। तुम मथुरा जाओ और वरूथिनी एकादशी का व्रत रखकर मेरी वराह अवतार मूर्ति की पूजा करो। उसके प्रभाव से पुन: सुदृढ़ अंगों वाले हो जाओगे। इस भालू ने तुम्हें जो काटा है, यह तुम्हारे पूर्व जन्म का अपराध था।' 
 
भगवान की आज्ञा मानकर राजा मान्धाता ने मथुरा जाकर श्रद्धापूर्वक वरूथिनी एकादशी का व्रत किया। इसके प्रभाव से राजा शीघ्र ही पुन: सुंदर और संपूर्ण अंगों वाला हो गया। इसी एकादशी के प्रभाव से राजा मान्धाता स्वर्ग गया था। 

ALSO READ: सात जन्मों तक पुण्य देती है वरूथिनी एकादशी, जानिए महत्व...

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

इस साल क्यों खास है राम नवमी? जानिए कैसे भगवान राम की कृपा से जीवन में आ सकती है समृद्धि

राम नवमी पर महातारा जयंती, जानिए माता की पूजा का मुहूर्त

श्रीराम राज्य महोत्सव: कहां तक थी राम राज्य की सीमा?

राम नवमी के दिन क्या करें और क्या नहीं, जान लीजिए नियम

सभी देखें

धर्म संसार

07 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

07 अप्रैल 2025, सोमवार के मुहूर्त

April Weekly Horoscope : अप्रैल 2025 का नया सप्ताह, जानें किन राशियों के चमकेंगे सितारे, (पढ़ें साप्ताहिक भविष्‍यफल)

Aaj Ka Rashifal: राम नवमी आज, जानें कैसा बीतेगा 12 राशियों का दिन, किस पर होगी ईशकृपा

06 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख