देवशयनी एकादशी 2025 में कब आएगी, सुख समृद्धि के लिए कौन से 5 उपाय करें?

WD Feature Desk
गुरुवार, 5 जून 2025 (11:57 IST)
2025 Devshayani Ekadashi: हिन्दू धर्म में देवशयनी एकादशी एक बहुत ही महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है। यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास की शुरुआत माना जाता है। इस अवधि में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।ALSO READ: क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

आपको बता दें कि हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2025 में देवशयनी एकादशी 6 जुलाई, दिन रविवार को मनाई जाएगी, जो आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जा रही है। इस बार एकादशी तिथि प्रारंभ: 5 जुलाई 2025 को शाम 06:58 मिनट से होगा तथा एकादशी तिथि की समाप्ति: 6 जुलाई 2025 को रात 09:14 मिनट पर होगी।
 
देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से सुख-समृद्धि, धन-संपदा और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां वेबदुनिया के प्रिय पाठकों के लिए 5 अचूक उपाय दिए जा रहे हैं।

आइए यहां जानते हैं इस वर्ष देवशयनी एकादशी पर जीवनभर सुख-समृद्धि पाने के लिए कौन से-कौन से 5 उपाय करें...
 
उपाय 1. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। देवशयनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें पीले वस्त्र, पीले फूल, चंदन, तुलसी दल, अक्षत, धूप और दीपक अर्पित करें। पीले रंग की मिठाई या फल का भोग लगाएं।
 
उपाय 2. इस दिन तुलसी माता की विशेष पूजा करें। उन्हें जल अर्पित करें, दीपक जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते हुए तुलसी की 11 या 21 बार परिक्रमा करें। इस दिन तुलसी पूजन और उसकी परिक्रमा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
 
उपाय 3. देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को समर्पित स्तोत्र, जैसे विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा या भगवान विष्णु के मंत्रों जैसे 'ॐ भगवते वासुदेवाय नम:' का अधिक से अधिक पाठ करें। यह उपाय मानसिक शांति प्रदान करता है
 
उपाय 4. देवशयनी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और उसकी परिक्रमा करने का विशेष महत्व है। इससे पितृ दोष दूर होता है।
 
उपाय 5. इस एकादशी के दिन अपनी क्षमतानुसार गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, फल, या जल का दान करें। कोशिश करें कि सात्विक भोजन ग्रहण करें और मांसाहार व तामसिक भोजन से दूर रहें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर उनकी कृपा प्राप्त होती है।
 
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