कामदा एकादशी का व्रत क्यों रखते हैं, क्या है पारण का समय और महत्व

WD Feature Desk
सोमवार, 7 अप्रैल 2025 (13:54 IST)
Chaitra Kamada Ekadashi Vrat 2025: प्रतिवर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे रखने के कई महत्वपूर्ण लाभ और महत्व हैं। आइए यहां जान‍ते हैं क्यों रखते हैं कामदा एकादशी व्रत ?ALSO READ: कामदा एकादशी: साधना, पुण्य और दिव्य आशीर्वाद की कथा
 
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कामदा एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति के लिए रखा जाता है। इस संबंध में मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत रखने से ब्रह्महत्या जैसे बड़े पापों सहित सभी प्रकार के ज्ञात-अज्ञात पापों से मुक्ति मिलती है।

मान्यता के मुताबिक 'कामदा' नाम का अर्थ 'इच्छाओं को पूर्ण करने वाली' होता है। इसलिए, इस व्रत को रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही इस व्रत के प्रभाव से घर में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है। कामदा एकादशी व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
 
पारण का समय जानें: इस बार चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ 07 अप्रैल, सोमवार को रात्रि 08 बजे से शुरू होगा तथा इसका समापन 08 अप्रैल 2025, मंगलवार को रात 09 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है। पारण तिथि पर 09 अप्रैल को दोपहर 10 बजकर 55 मिनट पर द्वादशी का समापन होगा। और व्रत तोड़ने या पारण करने का समय- 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से 08 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। 
 
जानें महत्व : कामदा एकादशी व्रत जीवन में आने वाले सभी प्रकार के दुखों और कष्टों को दूर करने में सहायक माना जाता है। यह व्रत संतान की इच्छा रखने वाले दम्पतियों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना गया है, क्योंकि यह व्रत उत्तम संतान की प्राप्ति देने वाला कहा गया है। पद्म पुराण के अनुसार, इस व्रत को करने से मनुष्य को राक्षस योनि की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति होती है।

साथ ही यह माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत और इसकी कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है और इस व्रत को करने वाले भक्तों के पारिवारिक जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होकर आपसी प्रेम बना रहता है।
 
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