इंदौर से जयपुर तक कब बंद होगा मिलावट का गोरखधंधा, विदेशों में स्‍वदेश को बदनाम कर रहे नकली मसाले

नवीन रांगियाल
Adulteration in Indian Spices: मध्‍यप्रदेश के इंदौर और भोपाल से लेकर राजस्‍थान के जयपुर तक खाद्ध सामग्री में मिलावट का गोरखधंधा अपने चरम पर है। इंदौर में जहां दूध, दही, पनीर, मावा और कई तरह की मिठाइयों में मिलावटखोरी की जा रही है तो वहीं राजस्‍थान के सबसे बड़े शहर जयपुर में रोजमर्रा में इस्‍तेमाल होने वाले मसालों में न सिर्फ मिलावट हो रही है, बल्‍कि नकली मसाले भी बनाए जा रहे हैं। जयपुर में हाल ही में 19 हजार किलो मिलावटी मसाला जब्‍त किया गया। जबकि इंदौर में तमाम दूध, दही, पनीर और मिठाई प्रतिष्‍ठानों पर मिलावट के जूर्म में 17 प्रतिष्‍ठानों पर 13 लाख से ज्‍यादा का जुर्माना ठोका गया है।

वहीं, दुनियाभर में प्रचलित भारत के मसालों में भी मिलावट से भारत की साख खराब हो रही है। हाल ही में भारत के कई ब्रांडेड मसालों में मिलावट पाई गई। अब भारत के मसालों में एथेलाइन ऑक्साइड के इस्‍तेमाल पर रोक लगाई जाने की कार्रवाई की जा रही है।

जयपुर में 19 हजार मिलावटी मसाला जब्‍त : राजस्‍थान के जयपुर में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय की ओर से मिलावट के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान हाल ही में विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में मसाला फैक्ट्री पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई में 19 हजार किलो से ज्‍यादा मिलावटी मसालों का स्टॉक सीज किया गया है।

कैसे और कहां हो रही मिलावट : यहां हल्की क्वालिटी की मिर्च एवं धनिया के साथ डंठल भी पीसे जा रहे थे। हल्दी और मिर्च में रंग की मिलावट पाई गई। मौके से मसालों में मिलाए जाने वाले रंग भी बरामद किए गए और मसालों के नमूने लिए गए। फैक्ट्री में मिले मसालों में रंग मिला हुआ था। बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक दिल्‍ली, नोएडा, गुडगांव, हरियाणा, जयपुर और इंदौर समेत कई शहरों में नकली या मिलावटी मसाले तैयार किए जा रहे हैं।

इन मसालों में सबसे ज्‍यादा मिलावट : बता दें कि सबसे ज्यादा जिन मसालों में मिलावट होती है, उनमें, लाल मिर्च, हल्दी, धनिया, दाल चीनी और काली मिर्च हैं। जैसे काली मिर्च में पपीते का बीज मिला देते हैं। लाल मिर्च में रंग वाला पाउडर और ईंट पीस कर मिलाया जा रहा है। धनिया पाउडर में तरह तरह की मिलावट करते हैं। हल्दी में पीला रंग मिला देते हैं और जीरा में झाड़ू वाला जीरा मिलाया जा रहा है।

इंदौर में नहीं थम रहा दूध पनीर में मिलावट का धंधा : मध्‍यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में खाद्ध सामग्री में मिलावट का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां दूध, दही, पनीर और मावे के साथ ही कई तरह की मिठाइयों में जमकर मिलावट की जा रही है। इंदौर में खाद्ध सामग्री में मिलावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में की गई कार्रवाई में इंदौर के 17 संस्थानों पर 13 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

इंदौर के इन प्रतिष्‍ठानों में मिलावट : इंदौर में जिन खाद्ध सामग्री बेचने वाली दुकानों पर कार्रवाई की गई, उनमें दूध डेयरी, मावा-पनीर की दुकानें, मिठाई भंडार और घी बनाकर बेचने वाली दूध डेयरी शामिल हैं।

13 लाख 70 हजार का जुर्माना : न्याय निर्णायक अधिकारी और अपर कलेक्टर गौरव बेनल ने प्रकरणों में सुनवाई उपरांत आरोपी खाद्य कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी पाए जाने पर 17 खाद्य कारोबारियों के विरुद्ध कुल 13 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। जिन खाद्य कारोबारियों के विरुद्ध जुर्माना लगाया गया है, उनके नाम भी दिए गए हैं। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर इंदौर में मिलावट खोरों पर यह कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने विगत कुछ महीनों में प्रकरण बनाकर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत अपर कलेक्टर इंदौर के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे, जहां जुर्माने की ये सजा सुनाई गई।

क्‍या कहता है खाद्ध विभाग?
15 दिनों में 80 मसालों के नमूने लिए : खाद्ध सुरक्षा अधिकारी मनीष स्‍वामी ने वेबदुनिया को बताया कि हम डेयरी उत्‍पादों पर तो लगातार कार्रवाई करते ही रहते हैं। हाल ही में कई प्रतिष्‍ठानों पर हमने 13 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जहां तक मसालों की बात है तो हमने पिछले 15 से 20 दिनों में मसालों के 80 नमूने लिए हैं। सेंपल भेजे गए हैं, रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्‍होंने बताया जो मसाले बाहर विदेशों में भेजे जाते हैं उनमें नमी न आने देने के साथ ही उनकी सेल्‍फ लाइफ बढ़ाने के लिए मोटेतौर पर EtO (एथेलाइन ऑक्साइड) का इस्‍तेमाल किया जाता है। हालांकि अपने यहां भारत में जब मसालों की जांच की जाती है तो उनमें EtO (एथेलाइन ऑक्साइड) नहीं पाया जाता है।

भारत के मसालों में एथेलाइन ऑक्साइड
EtO मिलाने पर रोक: भारत ने निर्यात किए जाने वाले मसालों में EtO (एथेलाइन ऑक्साइड) को मिलाने पर रोक के लिए विस्तृत गाइडलाइंस (Guidelines) पेश की हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने पेस्टिसाइड और केमिकल्स के इस्तेमाल पर रोकथाम के कुछ अन्य कदमों को लागू किया है, जैसे सिंगापुर (Singapore) और हॉन्गकॉन्ग को निर्यात किए जाने वाले मसालों की अनिवार्य टेस्टिंग।

क्या है पूरा मामला : दरअसल ये कदम इसलिए अहम है क्योंकि सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में भारतीय मसालों के दो ब्रैंड्स MDH और एवरेस्ट को कुछ मसालों में EtO (एथेलाइन ऑक्साइड) रेसिड्यू की मौजूदगी की वजह से वापस लिया गया था। सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में EtO के लिए अनिवार्य प्री शिपमेंट सैंपलिंग और टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। सभी एक्सपोर्टर्स के लिए गाइडलाइंस को लागू किया गया है जिससे EtO के संभावित मिश्रण को रोका जा सके। इसमें सप्लाई चेन के सभी स्तर कवर होंगे जिनमें सोर्सिंग, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्टेशन, टेस्टिंग शामिल हैं।

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