750 KM रेंज से लैस परमाणु पनडुब्‍बी INS Arighat बढ़ाएगी भारत की ताकत, तबाही बन टूटेगी दुश्‍मन पर, क्‍या है खासियत

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 29 अगस्त 2024 (14:25 IST)
INS Arighat In Indian Navy: भारतीय नौसेना की पॉवर में और इजाफा होने जा रहा। गुरुवार को दूसरी परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात नौसेना में शामिल हो जाएगी। नौसेना में इसके आते ही भारत की ताकत में जबरदस्‍त इजाफा होगा। यह दुश्‍मन पर तबाही बनकर टूटेगी क्‍योंकि इसकी कई खासियत है।

यह पनडुब्बी परमाणु हथियार ले जाने में कैपेबल है। लगभग 112 मीटर लंबी इस पनडुब्बी में K-15 मिसाइलें लगी हैं, जो 750 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। 6,000 टन वजन की INS अरिघात लंबे ट्रायल्स और टेक्नोलॉजिकल अपग्रेड्स के बाद पूरी तरह से तैयार है। कुल मिलाकर ये भारत की सामरिक ताकत को और मजबूत करेगा।

विशाखापत्तनम में एक गोपनीय कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में इस पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया जाएगा। जानते हैं कितनी ताकतवर है INS अरिघात और कैसे बढ़ाएगी भारत की ताकत?

क्या है INS अरिघात की खासियत?
महीनों तक रह सकती है पानी में : आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघात दोनों पारंपरिक पनडुब्बियों से बिलकुल अलग है। इनसे पहले कमीशन हुईं डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां अपने बैटरी को रिचार्ज करने के लिए ऑक्सीजन लेने हर दो दिन में सतह पर आती है या ‘स्नोर्कल’ करती हैं। इसके विपरीत अरिहंत और अरिघात 83 मेगावाट दबाव वाले लाइट वाटर के रिएक्टरों से संचालित होती हैं। उनमें लगे छोटे परमाणु रिएक्टर की वजह से वे महीनों तक पानी में डूबे रह सकते हैं।

नौसेना के लिए क्‍या है भारत का प्‍लान : भारत की तीसरी SSBN (नौसेना की भाषा में परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस न्यूक्लियर-प्रोपेल्ड सबमरीन) INS अरिधमान होगी। यह 3,500 किलोमीटर रेंज वाली K-4 मिसाइलों से लैस होगी और अगले साल तक नौसेना में शामिल की जा सकती है। चौथी SSBN का निर्माण भी जारी है और उसमें अतिरिक्त K-4 मिसाइलों को रखने की क्षमता होगी।

दो न्यूक्लियर-पावर्ड अटैक सबमरीन (SSNs) बनाने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट समिति की मंजूरी की राह देख रहा है। ये पनडुब्बियां 95% तक स्वदेशी होंगी और इन्हें बनाने में कम से कम 10 साल लगेंगे।
Edited by Navin Rangiyal

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