बाबा सिद्दीकी के मर्डर से मुंबई में लौट आया Under World, कैसे इतना खौफनाक बना lawrence bishnoi?

नवीन रांगियाल
मुंबई में पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर शनिवार रात हत्या कर दी गई। आरोपियों ने उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर उन्हें गोली मार दी थी। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया था। जहां उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस हत्याकांड की पूरी जिम्मेदारी ली है। जानते हैं कौन है लॉरेंस बिश्नोई जो दाउद इब्राहिम के नक्शेकदम पर चल रहा है। बताया जा रहा है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के साथ मुंबई में एक बार फिर से अंडरवर्ल्ड लौट आया है।

प्रेम और पतझड़ का महीना फरवरी और नाइंटीज के दौर की शुरुआत। इन्‍हीं खूबसूरत दिनों में पंजाब के फाजिल्‍का (अबोहर) में पुलिस विभाग में एक कॉन्‍सटेबल और उनकी पत्‍नी एक बच्‍चे को एक्‍सपेक्‍ट कर रहे थे। पढ़ी-लिखी ग्रहणी मां ने अपनी संतान के आने की खुशी में सारी तैयारियां कर रखी थीं। 22 फरवरी 1992 का दिन आया और उनके घर में एक बेटे का जन्‍म हुआ। बेटा इतना खूबरसूरत और रंग से इतना गोरा था कि मां ने उसका नाम लॉरेंस रखा। लॉरेंस एक क्रिश्चियन नाम है, जिसका मतलब होता है एक दम साफ और चमकता हुआ सफेद। उस मां को क्या मालूम था कि जिस बेटे का नाम वह 'सफेद' रख रही है, उसके कारनामे इतने 'काले' होंगे कि वह पूरे कुल पर दाग लगा देगा। यह परिवार बिश्‍नोई समुदाय से आता है, इसलिए उसका नाम हो गया (Lawrence Bishnoi) लॉरेंस बिश्‍नोई।

लॉरेंस इतना स्‍मार्ट, एक्‍टिव और स्‍पोर्टी था कि मां और पिता को लगता था कि वो स्‍पोर्ट्समैन बनेगा। खेल की दुनिया में अपना नाम करेगा। न सिर्फ मां-बाप बल्कि खेल में देश का भी नाम करेगा।

लेकिन लॉरेंस बिश्‍नोई जुर्म की दुनिया का ऐसा नाम बन गया, जिससे कई राज्‍यों के लोग खौफ खाते हैं और कई राज्‍यों की पुलिस को उसने छका के रखा था। एक स्‍मार्ट नौजवान कैसे देखते ही देखते ऐसे कुख्‍यात गैंगस्‍टर लॉरेंस बिश्‍नोई में तब्‍दील हो गया कि जेल में होने के बावजूद जुर्म की दुनिया में उसका सिक्‍का चलने लगा। अब वो जेल से ही अपने काले कारनामों को अंजाम देता है। हाल ही में सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या के बाद एक बार फिर से लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है।

जानते हैं कैसे जुर्म की दुनिया में इतना बड़ा गैंगस्टर बन गया लॉरेंस बिश्‍नोई?

कुश्‍ती, छात्र राजनीति और बदला
लॉरेंस चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ाई करता था। वो कुश्‍ती लड़ता था, वर्जिश करता था और बेहद स्‍पोर्टी था। इसी दौरान वो छात्र राजनीति में उतरा। लॉरेंस ने चुनाव लड़ने के लिए एक संगठन बनाया, जिसका नाम स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) रखा और इसी के बैनर तले उसने छात्र संघ का चुनाव लड़ा। जीतने के लिए सारे हथकंडे अपनाए, लेकिन वो चुनाव हार गया। हार का बदला लेने के लिए उसने एक रिवाल्वर खरीद ली। साल 2011 में जब चुनाव में लॉरेंस को हराने वाली टीम से सामना हुआ तो भिड़ंत में लॉरेंस ने फायरिंग कर दी। इसके बाद उसके ऊपर पहला प्रकरण दर्ज हुआ।

दरअसल, उस वक्‍त पंजाब में गैंगवार का दौर था। इन्‍हीं में से एक गैंग थी कुख्‍यात अपराधी दविंदर बंबीहा की। बंबीहा और लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप के बीच बात बात पर टकराव होने लगा। दोनों के बीच गैंगवार हुई, जो पंजाब में जगजाहिर थी। लेकिन 2016 में पुलिस एनकाउंटर में दविंदर बंबीहा मारा गया। दूसरी तरफ बिश्‍नोई अपराधों में लिप्‍त होता गया।

गर्लफ्रेंड की हत्‍या का बदला : एक थ्‍योरी यह भी
लॉरेंस बिश्‍नोई के गैंगस्‍टर बनने के सपने के पीछे यह भी कहा जाता है कि वो आबोहर में एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ता था, उस समय उसकी एक दोस्‍त थी, दोनों चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में 12वीं साथ में रहे। दोनों शादी भी करना चाहते थे। लेकिन चुनाव हार जाने के बाद होने वाली गैंगवार में उसकी गर्लफ्रेंड का मर्डर हो गया, जिसका बदला लेने के लिए वो पूरी तरह से अपराध की दुनिया में कूद गया।

जाग उठा ‘डॉन’ बनने का सपना
लॉरेंस को छोटे मोटे अपराधों में मजा आने लगा। इसी दौरान उसके मन में डॉन बनने का सपना जाग उठा। इसी के चलते बिश्‍नोई ने कुछ खिलाड़ियों और पुलिसवालों के बच्‍चों को मिलाकर एक गैंग बना ली। उन्‍हें अपराध में शामिल कर बिश्‍नोई ने अपना नेटवर्क पहले पंजाब और फिर हरियाणा में पसारा। इसके बाद फिर कई और राज्यों तक फैला लिया। बिश्‍नोई के खिलाफ पहली एफआईआर हत्‍या के प्रयास की दर्ज हुई। इसके बाद अप्रैल 2010 में एक घर में घुसने को लेकर दूसरी एफआईआर हुई। फरवरी 2011 में मारपीट और फोन की चोरी का केस दर्ज हुआ। ये सारे केस स्‍टूडेंट पॉलिटिक्‍स से जुड़े थे।

सलमान खान की सुपारी: जिस केस ने बना दिया ‘गैंगस्‍टर’
बिश्‍नोई के अपराध का सिलसिला जारी था। साल 2016 में बिश्‍नोई पर एक कांग्रेस नेता की हत्‍या का आरोप लगा था। उसने खुद फेसबुक के जरिए हत्‍या का जिम्‍मा लिया था। लेकिन लॉरेंस बिश्‍नोई अचानक से तब एक बड़े अपराधी के तौर पर जाना गया, जब 2018 में दिल्‍ली पुलिस ने संपत नेहरा के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। संपत नेहरा 2018 में बेंगलुरु से पकड़ा गया था। पूछताछ में सामने आया था कि संपत अभिनेता सलमान खान की हत्‍या करने वाला था, सलमान खान की हत्‍या की सुपारी उसे लॉरेंस बिश्‍नोई ने ही दी थी। इस खबर से फिल्‍मी दुनिया से लेकर मीडिया में हड़कंप सा मच गया था। इसके बाद दूसरी बार बिश्‍नोई ने 2020 में शार्प शूटर राहुल उर्फ बाबा को सलमान की हत्या के लिए मुंबई भेजा था, लेकिन सारे प्‍लान के बाद लॉकडाउन लग गया।
क्‍यों ली सलमान खान की सुपारी

कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्‍नोई सलमान खान से नफरत करता है क्‍योंकि सलमान को काला हिरण शिकार मामले में दोषी करार दिया गया था। दरअसल, लॉरेंस जिस बिश्‍नोई समुदाय से आता है, वो हिरणों के संरक्षण और रक्षा के लिए जाना जाता है। काले हिरणों की तो बिश्‍नोई समाज पूजा करते हैं, साथ ही दूसरे जानवरों के संरक्षण के लिए भी बिश्‍नोई समाज प्रयास करता है। यही वजह है कि वो सलमान की हत्‍या करवाना चाहता था।  

गैंग में 700 कुख्यात शार्प शूटर्स
इन दिनों लॉरेंस बिश्‍नोई जेल में बंद है, लेकिन वहां भी वॉट्सऐप के जरिये सुपारी लेकर जेल से ही हत्या जैसे संगीन जुर्म को अंजाम दे देता है। यहीं से वसूली का काम चलता है। इस बारे में एक बार वो अपने फेसबुक अकाउंट से जानकारी भी दे चुका है। बिश्‍नोई की गैंग में करीब 700 कुख्यात शार्प शूटर शामिल हैं। इस गैंग का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है।

जेल से चलता है बिश्नोई का सिक्का
लॉरेंस बिश्‍नोई की गैंग में नामी गैंगस्टर गोल्डी बरार भी शामिल है, जिसका नाम हाल ही में सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या में आया है। बरार फिलहाल कनाडा में है और गैंग का मुखिया लॉरेंस बिश्नोई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। लेकिन बिश्नोई जेल से अपना सारा काम ऑपरेट करता है। वाट्सऐप ग्रुप पर हत्या, वसूली और मारपीट की घटनाओं के लिए ऑर्डर जारी करता है।

बहुत बड़ा सपना है बिश्‍नोई का
इतने खौफनाक अपराधों के बाद भी लॉरेंस बिश्‍नोई का सपना है कि राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपना क्राइम सिंडिकेट स्‍थापित करे। इसके लिए उसे देश के हर राज्‍य के गैंगस्‍टर्स के साथ मिलकर काम करने की कोशिश की। जिससे की वो उत्‍तर भारत में अंडरवर्ल्‍ड की कमान अपने हाथों में ले सके। यही वजह थी कि राजस्‍थान के गैंगस्‍टर काला जठेड़ी और लेडी डॉन अनुराधा ने भी बिश्‍नोई के साथ अपराधों को अंजाम दिया है।

बिश्‍नोई का अंतरराष्ट्रीय क्राइम सिंडिकेट
बताया तो यह भी जाता है कि पंजाब, राजस्‍थान और हरियाणा के गैंगस्‍टर्स का सिंडिकेट मेक्सिको, इटली और थाईलैंड में बैठे अपने गुर्गों के साथ मिलकर रंगदारी, ड्रग्‍स तस्‍करी, जमीन कब्‍जा और हत्‍याओं को अंजाम देते हैं। यह फिल्‍मों के अभिनेता, पंजाबी कलाकार की सुपारी लेते हैं। इन्‍हीं कामों को अंजाम देने के लिए बिश्‍नोई के अंतरराष्‍ट्रीय ड्रग ट्रैफिकर अमनदीप मुल्‍तानी से भी संपर्क हैं। मुल्‍तानी मेक्सिकन ड्रग कार्टेल्‍स से जुड़ा हुआ है। उसे इसी साल अप्रैल में अमेरिकी एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। बिश्‍नोई का दूसरा अंतरराष्ट्रीय संपर्क यूके में रहने वाला मॉन्‍टी नाम का अपराधी है, जिसके इटालियन माफिया के साथ साठगांठ है।

ऐसी है गैंगस्‍टर बिश्‍नोई की ‘लाइफस्‍टाइल’
बिश्‍नोई न सिर्फ अपने काले कारनामों से बल्‍कि अपनी लाइफस्‍टाइल की वजह से भी चर्चा में रहता है। वो बेहद स्‍टाइलिश गैंगस्‍टर है। देश की जिस भी जेल में रहा हो, वहां वो लग्जरी और स्‍टाइलिश ही रहा। अभी तिहाड़ जेल में बंद है। वहां की रिपोर्ट्स बताती हैं कि वह दिन-रात हनुमान चालीसा का पाठ करता है। कई घंटों तक जेल में एक्सरसाइज करता है। वो सिर्फ दूध मांगता है। एक दिन में करीब 7 लीटर दूध पी जाता है। रिपोर्ट्स बताती है कि उसके साथ जेल में रहने वाले लोग उससे इतने इंप्रेस हो जाते हैं कि बाहर आने के बाद लॉरेंस के लिए काम करने लगे। वो भगत सिंह का फैन है और आए दिन फेसबुक पर अपने फोटो शेयर करता है।

बिश्नोई का अपराध सिखाने वाला उस्‍ताद
कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई ने सबसे पहले जिस बड़े गैंगस्टर का सानिध्‍य हासिल किया उसका नाम जग्गू भगवानपुरी है। कहा जाता है कि जग्‍गू ने ही बिश्‍नोई को अपराध की बारहखड़ी और पैंतरे सिखाए। जग्गू पंजाब के भगवानपुर का है और बहुत अमीर गैंगस्टर है। ये भी फिलहाल तिहाड़ में बंद है। उस वक्‍त पंजाब की राजनीति और जुर्म जग्‍गू के इर्द-गिर्द ही थे।

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