टीम इंडिया की जर्सी पर चमकने वाला BYJU'S क्यों है संकट में

नृपेंद्र गुप्ता
मंगलवार, 27 जून 2023 (16:53 IST)
BYJU'S एक शिक्षा जगत में एक ऐसा नाम है जिसे भारत के शहरी क्षेत्रों में ज्यादातर विद्यार्थी जानते हैं। अपनी एग्रेसिव मार्केटिंग स्टाइल, कोरोना काल में ऑनलाइन तकनीक से सभी को प्रभावित करने वाली यह कंपनी इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। आइए जानते हैं मात्र 12 साल में बायजू कैसे भारतीय शिक्षा जगत पर छा गया और फिर कैसे उसके पतन की शुरुआत हुई? 
 
बायजू रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने 2011 में इस थिंक एंड लर्न कंपनी की स्थापना की थी। दुनिया की सबसे मूल्यवान एजुटेक कंपनी का मुख्‍यालय बैंगलुरू में है। 2016 में कंपनी ने अपना लर्निंग ऐप लांच किया। इसके बाद कंपनी ने तेजी से तरक्की की। 2017 में अभिनेता शाहरुख खान के ब्रांड एंबेसडर के रूप में जुड़ने के बाद 2018 में कंपनी यूनिकॉर्न बन गई। जून 2021 तक, बायजू की कीमत 1000 करोड़ रुपए आंकी गई।
 
कंपनी KG से 12वीं कक्षा तक के छा‍त्रों को पढ़ाई के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस उपलब्ध कराती है। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन वीडियो-आधारित शिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं। पढ़ाई के लिए छात्रों को स्पेशल टैब उपलब्ध कराए गए हैं। दावा किया जाता है कि कंपनी के ट्रेन्ड टीचर्स एक ही सवाल को 10 तरीके से हल करवा सकते हैं। अगर एक तरीका समझ में नहीं आता तो दूसरा टीचर दूसरे तरीके से सवाल हल करना सिखाता है।
 
टाइम मैगजीन की 100 प्रभावशाली कंपनियों की सूची में : स्टार्टअप बायजू ने 2021 में टाइम मैगजीन की दुनिया की 100 सर्वाधिक प्रभावशाली कंपनियों की सूची में जगह बनाई। टाइम के अनुसार, बायजू के संस्थापक बायजू रवीन्द्रन को पता है कि किस समय कदम आगे बढ़ाना है।
 
कंपनी के ऐप के उपयोगकर्ताओं की संख्‍या कोविड-19 महामारी के दौरान 8 करोड़ तक पहुंच गई। वह फिलहाल क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें टेनसेन्ट और ब्लैकरॉक जैसे निवेशकों से वित्त पोषण प्राप्त हुआ है। टाइम के अनुसार, शानदार वृद्धि के कारण बायजू भारत के सबसे आकर्षक स्टार्टअप में से एक बन गया। कंपनी का मूल्य जुलाई 2019 में 5.5 अरब डॉलर था, जो अब बढ़कर करीब 15 अरब डॉलर पहुंच गया।
 
टीम इंडिया की स्पांसरशिप : भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर भी लंबे तक समय बायजू का नाम दिखाई दिया। बायजू ने 2019 में ‘ओप्पो’ की जगह ली। जून 2022 में बायजूस ने करीब 3.50 करोड़ डॉलर में BCCI के साथ नवंबर 2023 तक अपना जर्सी प्रायोजन करार बढ़ा दिया। हालांकि यह करार मार्च 2023 तक खत्म हो गया।
 
शाहरुख के विज्ञापन पर लगाई रोक : अक्टूबर 2021 में ड्रग्स मामले में आर्यन खान के जेल जाते ही कंपनी ने शाहरुख खान के सभी विज्ञापनों को रोक दिया। उस समय तक बायजू ब्रांड को एंडोर्स करने के लिए शाहरुख खान को सालाना 3 से 4 करोड़ रुपए का भुगतान करती थी। इस वजह से बॉलीवुड स्टार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ।
 
बाल संरक्षण आयोग ने भेजा नोटिस : राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने 2022 में BYJU कंपनी के CEO बायजू रवीन्द्रन को पूछताछ के लिए समन जारी किया। NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि एडटेक कंपनी पर छात्रों और अभिभावकों को परेशान करने का आरोप लगा है। NCPCR अध्यक्ष ने कहा कि हमें जहां जैसी गलती मिलेगी, हम वैसी कार्रवाई करेंगे।
 
कानूनगो ने कहा कि हमें 2021 की दिसंबर में शिकायत मिली थी कि कम आय वाले बच्चों के माता-पिता के पास बायजू के सेल्स एग्जीक्यूटिव जाते हैं और EMI बोलकर फाइनेंस कंपनी से माता-पिता के क्षमता से अधिक के लोन दिलवाते हैं। शिक्षा मंत्रालय ने भी एडटेक कंपनी के लिए एक विस्तृत सलाह जारी की थी और बायजूस को भी नोटिस जारी किया था।
 
राष्‍ट्रीय जागरूक उपभोक्ता संगठन के अध्यक्ष मुकेश अमोलिया ने कहा कि बायजू के खिलाफ कई लोगों ने उनसे शिकायत की। कुछ लोगों को पढ़ाई नहीं जम रही थी वे अपनी फीस वापस चाहते थे। कुछ का कहना था टैब खराब हो गया और कंपनी बदल नहीं रही है। इस तरह के मामले में लोगों को उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर कर न्याय दिलाने का प्रयास किया गया।
 
ऑडिट कंपनी बदली : अमेरिकी कर्जदाताओं का भुगतान रोकने के बाद अब डेलॉयट ने कंपनी का ऑडिट का कार्य छोड़ दिया है। ऑडिट कंपनी डेलॉयट ने शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच बायजू की तरफ से वित्तीय विवरण देने में देरी होने पर इसके ऑडिटर के दायित्व से खुद को अलग कर लिया है। अब बीडीओ नामक कंपनी बायजू का ऑडिट करेगी।
 
4 डायरेक्टर्स का इस्तीफा : इस बीच कुछ मीडिया खबरों में दावा किया गया है कि कंपनी के निदेशक मंडल के 3 सदस्यों ने भी पद छोड़ दिया है। जिन लोगों ने इस्तीफे दिए हैं, उनमें जीवी रविशंकर, विवियन वू और रसेल ड्रेसनस्टॉक शामिल हैं। इससे पहले बायजूस के ब्रांड और क्रिएटिव स्ट्रैटजी के सीनियर डायरेक्टर आदित्यन कयालाकल ने 5 मई को पद से इस्तीफा दे दिया था। बोर्ड में अब बायजू रवींद्रन, रिजू रवींद्रन व दिव्या गोकुलनाथ ही बचे हैं।
 
छंटनी के बादल : आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रही बायजू के कर्मचारियों पर छंटनी के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि कई कर्मचारी छंटनी से पहले ही इस्तीफे की तैयारी कर रहे हैं। वहीं कई लोग अपने भविष्य को लेकर भी चिंतित दिखाई दे रहे हैं। कंपनी में पहले भी कई बार कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है।
 
बहरहाल बायजू का यह हाल देख कंपनी से जुड़े लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में दिखाई दे रहा है। स्कूल में पढ़ने वाले मासूमों को यह समझ नहीं आ रहा है कि कंपनी का यह हाल कैसे हो गया और उनका क्या होगा? वहीं एडवांस फीस दे चुके पैरेंट्स भी टेंशन में नजर आ रहे हैं।

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