उम्रदराजों पर क्यों फिदा हो रहीं कमसिन लड़कियां, छोटे शहरों में डेटिंग एप से पसरता शुगर डैडी और शुगर मॉम का चलन

नवीन रांगियाल
इंदौर के बिचौली मर्दाना इलाके में स्‍थित फ्लैट में एक 56 साल का उम्रदराज शख्‍स अपने फ्लैट की बालकनी में बैठा है। फ्लैट के किचन से एक 25 साल की लड़की कॉफी के दो मग हाथ में लेकर आती है, मग रखकर उम्रदराज शख्‍स की गोद में बैठ जाती है। दोनों बेहद रोमांटिक और बेहद आत्‍मीय क्षणों को साझा कर रहे हैं। 56 साल का आदमी और 25 साल की लड़की। यह दृश्‍य शायद आपको थोड़ा अजीब लगे— लेकिन यह मध्‍यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में पसर रहे रिश्‍ते की एक स्‍याह सच हकीकत है। हालांकि पश्‍चिम देशों में रिश्‍तों का यह ट्रेंड आम है, लेकिन अब मध्‍यप्रदेश के कई शहरों में तेजी से पसर रहा है। इसे शुगर डैडी ट्रेंड कहा जाता है। यानी ऐसे उम्रदराज लोग जो कुछ रूमानी होना चाहते हैं, रोमांटिक फील करना चाहते हैं और इस ढलती उम्र में भी सेक्‍स का लुत्‍फ उठाना चाहते हैं वे शुगर डैडी बन रहे हैं। इन शुगर डैडियों की शुगर बेबी बनने के लिए ऐसी कमसिन लड़कियों की तादात भी छोटे शहरों में बढ़ गई है, जिन्‍हें अपनी लाइफस्‍टाइल, अपनी पढ़ाई या अपने खर्चों के लिए पैसा चाहिए।

कमसिन लड़कियों को अब उम्रदराज लोग पसंद आने लगे हैं। इससे उनकी फाइनेंशियल के साथ बाकी जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं। वेस्टर्न कल्चर में इसे शुगर डैड, शुगर मॉम और शुगर बेबी कहा जाता है। अब ये शॉर्ट टर्म रिलेशन कल्चर मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में आम है। इंदौर, भोपाल से लेकर जबलपुर, ग्‍वालियर और उज्‍जैन जैसे शहरों में यह आम हो चला है। सामाजिक सरोकार वाले लोग इसे इस नए जमाने की वेश्यावृत्ति मानते हैं तो बाकी लोग इसे शुगर डेटिंग, शुगर फ्रेंड और शुगर लव और समय की मांग कहकर पुकारते हैं।

म्‍युच्‍युअल कॉन्‍ट्रैक्‍ट ने बदली जिंदगी : वेबदुनिया के इस प्रतिनिधि को अपने एक परिचित की मदद से इंदौर के एक 63 साल के स्‍टील कारोबारी सुलभ शर्मा (बदला हुआ नाम) के बारे में पता चला। उन्‍हें एक ऐसी ही कम उम्र की लड़की की तलाश थी, जो उनके साथ संबंध बनाए। अपना नाम प्रकाशित नहीं करने के आग्रह पर उन्‍होंने वेबदुनिया को बताया कि वे रोज अलग- अलग सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर इसकी तलाश में थे। उन्‍होंने बताया कि एक दिन उन्‍हें टेलीग्राम पर एक 24 साल की लड़की मिली। बातें शुरू हुईं, उन्‍होंने अपनी सेक्‍सुअल डिजायर जाहिर की तो लड़की ने तपाक से उन्‍हें उसकी लाइफस्‍टाइल मैंटेन करने की डिमांड कर डाली। शख्‍स तुरंत इसके लिए तैयार हो गए। दोनों की म्‍युच्‍युअल बातचीत के बाद एक कॉन्‍ट्रैक्‍ट होता है और दोनों तय समय तक साथ रहते हैं। संबंध बनाते हैं, बातें करते हैं और बिना किसी इमोशनल ड्रामा या ट्रॉमा के कुछ दिनों में अलग हो जाते हैं। सुलभ बताते हैं लोग चाहे जो समझे इस ट्रेंड ने उनकी जिंदगी में चार्म ला दिया है।

शॉपर्स स्‍टॉप से मैंटेन हो रही लाइफस्‍टाइल : अपनी 46 साल की शादीशुदा जिंदगी से ऊबकर सीमेंट के डीलर श्रीधर शर्मा (बदला हुआ नाम) भी कॉलेज की एक स्‍टूडेंट के साथ आए दिन इस तरह अपना टाइम बिताते हैं। कटनी से पढ़ाई करने इंदौर आई यह लड़की एक डैटिंग एप के जरिये उनके संपर्क में आई। बातचीत में पता चला कि लड़की इंदौर की चकाचौंध से खुद को मैच करने के लिए पैसों की जरुरतमंद है। उन्‍होंने उससे वादा किया कि वो उसकी हर जरूरत पूरी करेंगे। बदले में वो उनके साथ टाइम बिताए और संबंध बनाए। लड़की अब शॉपर्स स्‍टॉप से शॉपिंग करती है, महंगे रेस्‍त्राओं में कॉफी पीती है और उसके परिवार पर किसी तरह का आर्थिक बोझ भी नहीं है।

संबंधों का शुद्ध सौदा : कुशाग्र भाई गुजराती (बदला हुआ नाम) सूरत से हैं। पिछले कुछ साल से कपड़ों के व्‍यापार का एक आउललेट उन्‍होंने इंदौर में शुरू किया था। पूरा परिवार सूरत में है। वे यहां अकेले रहते हैं। अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए वे शुगर डैडी बन गए और अपने संपर्क में आने वाली एक लड़की के साथ कई दिनों से रह रहे हैं। दोनों एक दूसरे की लाइफ में दखल नहीं देते हैं। दोनों के बीच किसी तरह का इमोशनल ड्रामा नहीं है। न प्‍यार और न ही कोई डिमांड। लड़की उनके साथ समय गुजारती है, उनके साथ संबंध बनाती है और उसके बदले में वे कुशाग्र उसकी सारी जरूरतों को पूरा करते हैं। दोनों के बीच यह एक शुद्ध सौदा है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहर पढ़ाई करने आई लड़कियां, ऑफिस स्टाफ के साथ शुगर बेबी के तौर पर रिलेशनशिप में रहती हैं।

उम्रदराज औरतें और शो-ऑफ के लिए बॉयफ्रेंड : शुगर डैडी का ट्रेंड सिर्फ पुरुषों तक ही सीमित नहीं है। इंदौर में यह औरतों में भी बेहद पापुलर है। इंदौर में शुगर मॉम भी ट्रेंड में है। उम्रदराज औरतें जवान लड़कों को अपना बॉयफ्रेंड बनाती हैं— अपनी इच्‍छाएं पूरी करती हैं और उन्‍हें शो-ऑफ के लिए फीमेल पार्टियों में ले जाती हैं। बदले में उन्‍हें जिम का खर्चा, कपड़ों की शॉपिंग और वाहनों की किश्‍तें जमा करने के लिए पैसा मिलता है। कई संभ्रात घरों में अपनी बोरिंग शादी और लाइफ से आजीज आ चुकीं कई असंतुष्‍ट महिलाएं डैटिंग ऐप और सोशल मीडिया के सहारे ऐसे रिश्‍तें खोज रही हैं। अब इसके लिए कई तरह के लोकल डैटिंग ऐप आ गए हैं।

लड़कियां क्‍यों बन रही शुगर बेबी : दरअसल, इंदौर एजुकेशन का हब बन चुका है। कई कॉर्पोरेट कंपनियां यहां हैं। ऐसे में बाहर से पढ़ने के लिए और एजुकेशन के लिए आने वाली लड़कियां अपनी लाइफस्‍टाइल मैंटेन करने के लिए, पढ़ाई का और जरुरत का खर्च उठाने के लिए किसी भी अमीर आदमी की शुगर बेबी बनने के लिए तैयार रहती हैं। इससे उनकी पढ़ाई-लिखाई, रूम रेंट, गाड़ी, रिचार्ज, शॉपिंग का जिम्मा संभालने की टेंशन नहीं हैं। इसके लिए वे ज्‍यादा उम्र के लोगों के साथ संबंध बनाने से भी नहीं हिचकिचा रही हैं।

न इमोशनल ड्रामा और न ट्रामा : दरअसल रिश्‍तों में इस तरह की डील के पीछे किसी तरह की टेंशन का नहीं होना सबसे बड़ी वजह है। न प्‍यार, न रोना धोना और न ही किसी तरह का इमोशनल अप-डाउन। आमतौर पर रिश्‍तों में पजेसिव होना और फिर ब्रेकअप का दंश झेलना आम हो गया है। ऐसे में कई चीजें डिस्‍टर्ब हो जाती है और आखिरी में कुछ हाथ नहीं आता। जबकि शुगर बेबी बनने पर पैसा भी मिलता है और किसी तरह का ड्रामा झेलने की जरुरत भी नहीं। सबसे खास बात है कि यह बहुत सेफ और स्‍पष्‍ट होता है। शुगर डैडी को शारीरिक सुख चाहिए और शुगर बेबी को बदले में धन। इसमें कोई कन्‍फ्यूजन नहीं।

शुगर डैडी ट्रेंड में आजादी का सुख : इस तरह के रिश्तों की ख़ासियत यह है कि यह शॉर्ट टर्म होते हैं। इसे दोनों तरफ से लिया जाता है एक बिजनेस अथवा धंधे की तरह। अगर शुगर बेबी को कोई दूसरा अमीर आदमी मिलता है और पहले वाले शुगर डैडी के पास समय नहीं है, तो वह शिफ्ट हो जाती है। इसमें ट्रेडिशनल रिश्‍तों की तरह फजीहत नहीं है।

क्‍या होता है शुगर डैडी : दरअसल, युवा लड़कियां अपने ऐशोआराम और सुख सुविधाओं के लिए पैसों की व्यवस्था करने वाले किसी डैडी नुमा शख़्स की तलाश कर लेती हैं, जिनके साथ वो समय भी बिताती हैं तो उस शख़्स को शुगर डैडी कहा जाता है। ये लड़कियां अपने शुगर डैडी के साथ सेक्‍स करने के बदले उनसे महंगे गिफ्ट आदि लेती हैं और अपनी लाइफ स्‍टाइल मैंटेन करती हैं।

क्‍या होता है शुगर मॉम : ठीक इसी तरह से इन दिनों सोसायटी में शुगर मॉम का भी कॉन्‍सेप्‍ट चलन में है। इनमें उम्रदराज और खुली मानसिकता वाली औरतें नौजवान लड़कों को अपना बॉयफ्रेंड बनाती हैं। उन्‍हें उसके बदले में केश या महंगे गिफ्ट या बॉयफ्रेंड की जरुरत के मुताबिक सुविधाएं मुहैया करवाती हैं। इसके बदले में लड़के उनके साथ संबंध बनाते हैं या उनके साथ पार्टी में जाते हैं। कई बार औरतें अपनी महिला मित्रों के साथ होने वाली पार्टी में अपने बॉयफ्रेंड को शो-ऑफ के लिए साथ ले जाती हैं। इंदौर में इन दोनों की तरह का चलन बढ़ा है।

1908 में चलन में आया टर्म : शुगर डैडी शब्द पहली बार चलन में तब आया था जब 1908 में कैलिफोर्निया के एक शुगर कंपनी के मालिक एडोल्फ स्प्रेकेल्स ने खुद से 24 साल छोटी लड़की से शादी की थी। उसके बाद कहानियों में शुगर डैडी शब्द का प्रयोग पहली बार 1923 में किया गया था। यह कहानी थी Fat Anna’s Future. इस कहानी में यह बताया गया था कि किस तरह एक अमीर आदमी ने एक महिला का सपोर्ट शुगर डैडी बनकर किया।

क्‍या ये नए जमाने की वैश्‍यावृति है : शुगर रिलेशनशिप को स्ट्रेस ​​​​में चल रहे प्रोफेशनल्स के लिए सबसे सही माना जाता है। कुछ इसे नए जमाने की वैश्‍यावृति मानते हैं। हालांकि यह सामान्य रिश्तों की तरह ही होता है, लेकिन इसमें फाइनेंशियल पक्ष को ज्यादा अहमियत दी जाती है। आमतौर पर अमीर बिजनेसमैन शुगर डैडी की भूमिका निभाते हैं। शुगर बेबी वे लड़कियां होती हैं, जो हाई-फाई लाइफ स्टाइल मेंटेन करने के लिए इनका सहारा लेती हैं।

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