Kisan Andolan : किसान आज करेंगे दिल्ली कूच, राजधानी में सीमाओं पर बढ़ी सुरक्षा, बुलडोजर जब्त करने के आदेश

गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को लिखा पत्र

Webdunia
बुधवार, 21 फ़रवरी 2024 (00:12 IST)
farmers protest  : पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे पंजाब के किसान आज सुबह 11 बजे दिल्ली रवाना होंगे। शंभू के साथ खनौरी बॉर्डर से भी किसान दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में घुसेंगे। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है। किसान शंभू बॉर्डर  कंक्रीट बैरिकेड्स तोड़ने वाली मशीनें लेकर पहुंचे हैं। 
 
केंद्र ने खारिज किया था प्रस्ताव : किसानों ने पांच सालों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी एजेंसियों के मार्फत दालें, मक्का और कपास की फसलें खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इन किसानों ने बुधवार को अपना ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन पर आगे बढ़ने की घोषणा की। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ‘दिल्ली चलो’ मार्च की अगुवाई कर रहे हैं।
 
177 सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक : सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़े करीब 177 सोशल मीडिया खातों और वेब लिंक को अस्थायी रूप से ‘ब्लॉक’ करने का आदेश दिया है। यह आदेश इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के अनुरोध पर आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) अधिनियम की धारा 69ए के तहत 14 और 19 फरवरी को जारी किए। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, स्नैपचैट और कुछ अन्य सोशल मीडिया मंचों के खातों और लिंक को ‘ब्लॉक’ करने का आदेश दिया गया है।
 
बुलडोजर जब्त करने के आदेश : हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को पंजाब पुलिस से उन बुलडोजर को जब्त करने को कहा, जो ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिर से शुरू करने जा रहे ‘‘पंजाब के किसान अपने साथ लाए हैं।
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पंजाब सरकार को लिखा पत्र : गृह मंत्रालय ने कल कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। अंबाला पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने के इरादे से पोकलेन मशीनें ले जाने के आरोप में “अज्ञात” ड्राइवरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
 
इंटरनेट पर बैन बढ़ा : हरियाणा सरकार ने किसानों के 'दिल्ली चलो' आंदोलन के मद्देनजर सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ बड़ी संख्या में ‘एसएमएस’ भेजने की सेवाओं पर प्रतिबंध बुधवार तक बढ़ा दिया। इससे अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिले प्रभावित हुए हैं। सरकार ने इससे पहले, 13, 15 और 17 फरवरी को मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि को बढ़ाया था।
 
50 किसान गुरूग्राम में हिरासत में : हरियाणा सरकार द्वारा खरीदी गई 1800 एकड़ से अधिक कृषिभूमि के मुआवजे को ‘अनुचित’ बता दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे कम से कम 50 किसानों को गुरूग्राम पुलिस ने मानेसर में हिरासत में ले लिया।
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सीमाएं हुईं सील : दिल्ली और हरियाणा के बीच दो सीमा मार्गों -- टीकरी और सिंघू को पुलिसकर्मियों की भारी तैनाती के साथ सील कर दिया गया है तथा वहां कंक्रीट एवं लोहे की कील के कई स्तरीय बैरीकेड लगाए गए हैं। गाजीपुर सीमा के दो लेन भी बंद कर दिए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यदि जरूरत हुई तो बुधवार को गाजीपुर सीमा भी बंद की जा सकती है।
क्या था किसानों का आरोप : किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें मानेसर के पांच गांवों में 1810 एकड़ जमीन का उचित दाम नहीं दिया गया , इसलिए उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
 
पुलिस ने सूचना मिलने के बाद सोमवार देर शाम को कई किसान नेताओं को नोटिस भेजा लेकिन किसान दक्षिण हरियाणा किसान खाप समिति के बैनर तले मंगलवार सुबह मार्च के लिए इकट्ठा हो गए।
 
सीमा पर कड़ी सुरक्षा : प्रदर्शनकारी किसानों के प्रस्तावित दिल्ली मार्च से एक दिन पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने टीकरी, सिंघू और गाजीपुर सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया और मंगलवार को अभ्यास किया। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि इन तीन सीमाओं पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को मंगलवार को सतर्क रहने को कहा गया है । उन्होंने कहा कि यात्रियों को दिक्कत हो सकती है।
 
छावनी में तब्दील मानेसर : एक अधिकारी ने बताया कि इन किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए मानेसर में 500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। पूरे मानेसर को सुबह छावनी में तब्दील कर दिया गया था। जब किसान दिल्ली की ओर बढ़ने लगे तब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
 
बातचीत में दिया था प्रस्ताव : रविवार को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।
संसद सत्र बुलाए सरकार : किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून लाने के वास्ते एक दिन का संसद सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने केंद्र से कृषि ऋण माफी समेत किसानों की अन्य प्रमुख मांगों को स्वीकार करने को भी कहा।
 
क्या बोले पंधेर : पंधेर ने कहा कि किसानों की तीन बड़ी मांगें हैं - सभी फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत’ फॉर्मूले का कार्यान्वयन और ऋण माफी। पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में किसानों ने प्रस्ताव दिया कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर एमएसपी पर कानून बनाया जाए। कर्ज माफी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक किसानों पर कुल 18.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
 
13 फरवरी को शुरू हुआ मार्च : सुरक्षाबलों द्वारा ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर रुके हुए हैं। उन्होंने 13 फरवरी को अपना मार्च शुरू किया था लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक दिया, जिसके कारण शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर झड़पें हुईं।
 
मांगे मानना आसान नहीं : केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सेनाध्यक्ष वी. के. सिंह ने मंगलवार को कहा कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगे पूरी करना किसी भी सरकार के लिए आसान नहीं है।
उन्होंने किसानों के आंदोलन से जुड़े एक सवाल पर कहा कि आंदोलनकारी किसानों के नेता जो मांगे कर रहे हैं उन्हें पूरा करना किसी भी सरकार के लिए आसान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि असल बात यह है कि किसान नेता मामले का समाधान निकालना ही नहीं चाहते हैं।
 
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में किसानों को विभिन्न तरीके से दिए जाने वाली सब्सिडी और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के खर्च को अगर मिला लें तो यह देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.4 प्रतिशत है जबकि सेना पर किया जाने वाला खर्च जीडीपी का केवल 1.9 प्रतिशत ही है।   इनपुट एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma

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