कजान। एंटोइन ग्रीजमैन ने विश्व कप के इतिहास में वीएआर (वार) प्रणाली से हासिल की गई पेनल्टी पर गोल दागा जिससे खिताब के दावेदारों में से एक फ्रांस ने शनिवार को यहां ऑस्ट्रेलिया पर 2-1 से जीत दर्ज की। यूरो 2016 में 6 गोल दागने वाले शीर्ष स्कोरर ग्रीजमैन से 2018 में काफी प्रभावित करने की उम्मीद थी, लेकिन ग्रुप 'सी' मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के रक्षात्मक प्रदर्शन से वे पहले हॉफ में हताश दिखे।
एटलेटिको मैड्रिड के स्टार फुटबॉलर ने हालांकि इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया, क्योंकि दूसरे हॉफ में पेनल्टी बॉक्स में, जोश रिशडन ने उन्हें गिरा दिया। उरुग्वे के रैफरी आंद्रियास कुन्हा ने शुरू में स्पॉट किक नहीं दी लेकिन वीएआर फुटेज देखने के बाद इसे पेनल्टी करार दिया गया और ग्रीजमैन (58वें) ने आराम से ऑस्ट्रेलियाई गोलकीपर मैथ्यू रेयान को छकाते हुए गोल दाग दिया।
लेकिन फ्रांस का जश्न थोड़े समय तक रहा, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मिले जेडिनाक (62वें) ने 4 मिनट बाद ही बार्सिलोना के डिफेंडर सैमुअल उमटिटि द्वारा हासिल पेनल्टी पर बराबरी गोल कर दिया। डिडिएर डेसचैम्प्स के खिलाड़ियों को हालांकि ऑस्ट्रेलिया के रक्षात्मक प्रदर्शन से काफी निराशा मिली लेकिन 81वें मिनट में उसने बढ़त हासिल की।
चेल्सी के स्ट्राइकर ओलिवियर गिरोड ने ग्रीजमैन की जगह उतरने के बाद पॉल पोग्बा को गोल करने में मदद की। मैनचेस्टर यूनाइटेड के मिडफील्डर का शॉट डिफेंडर अजीज बेहिच के बूट से डिफ्लेक्ट हो गया और रेयान के हाथों से निकलकर बाउंस होता हुआ गोल लाइन तक पहुंच गया। डेसचैम्प्स इस प्रदर्शन के बाद शुक्र मना रहे होंगे, क्योंकि इससे उन्हें अपनी टीम के बारे में ज्यादा सवालों से नहीं गुजरना होगा, क्योंकि वह नाइजीरिया के बाद टूर्नामेंट में दूसरी युवा टीम है।
फ्रांस की टीम उम्मीद लगाए है कि वह टूर्नामेंट के अंतिम चरण में प्रबल दावेदार ब्राजील, जर्मनी और स्पेन के साथ रहे, क्योंकि टीम यूरो 2016 फाइनल में पुर्तगाल से मिली हार की भरपाई करने की कोशिश में है। पहले हॉफ में ग्रीजमैन, युवा क्लियान एमबाप्पे और ओउसमाने डेम्बेले शानदार खेल दिखाने में असफल रहे। स्टेडियम में ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसकों का शोर ज्यादा हावी था।
17वें मिनट में फ्रांस के गोलकीपर हुगो लोरिस ने कोरेनटिन टोलिसो का शॉट का अच्छा बचाव किया। टीम के लिए यह बहुत राहत वाला पल रहा, क्योंकि वह शानदार शुरुआत के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की बैकलाइन में सेंध लगाने की कोशिश में जुटा था, वहीं एमबाप्पे ने 'किक-ऑफ' में इतिहास बनाया, जो फ्रांस के लिए विश्व कप मैच की शुरुआत करने वाले सबसे युवा फ्रांसीसी खिलाड़ी बन गए। उनकी उम्र 19 साल और 6 महीने है। (भाषा)