इस्पात उद्योग के लिए 2020 रहा 'आपदा', 2021 में अच्छे दिनों की उम्मीद

Webdunia
गुरुवार, 24 दिसंबर 2020 (21:07 IST)
नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में सुधार, बढ़ती मांग और कीमतों में सुधार से देश के इस्पात उद्योग को अगले साल यानी 2021 में ‘अच्छे दिनों’ की उम्मीद है। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से पैदा हुई अड़चनों की वजह से मौजूदा 2020 का साल इस्पात उद्योग के लिए काफी ‘झटके’ देने वाला रहा है।

घरेलू इस्पात कंपनियों के शीर्ष संगठन भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) को उम्मीद है कि आने वाले दिन अच्छे रहेंगे। इस साल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से इस्पात उद्योग को अपने परिचालन को जारी रखने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। महामारी की वजह से कुल आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं, जिससे इस्पात की मांग में जबर्दस्त गिरावट आई।

अप्रैल में इस्पात कंपनियों को अपने परिचालन में 50 प्रतिशत तक कटौती करनी पड़ी।इसके साथ ही श्रमबल का भी संकट पैदा हो गया। बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट गए। इसके अलावा धीरे-धीरे अनलॉक के बाद परिचालन तो शुरू हुआ, लेकिन कार्यालय या साइट पर सीमित संख्या में लोगों को रखने के निर्देश की वजह से भी अड़चनें पैदा हुईं।

देश में राष्ट्रव्यापी अंकुश मार्च के अंत में लगाए गए और चरणबद्ध तरीके से अंकुशों में ढील देने की शुरुआत जून से हुई।भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) के उप महासचिव अर्नब हाजरा ने 2020 को इस्पात उद्योग के लिए ‘आपदा’ करार देते हुए कहा कि अब मांग में सुधार आ रहा और इसमें 2021 में भी वृद्धि जारी रहेगी।

उन्होंने कहा, हम आगे अच्छे दिनों की उम्मीद कर रहे हैं। भविष्य में कोरोना जैसी कोई और महामारी नहीं आएगी। यह साल यानी 2020 हमारे लिए आपदा रहा। हम उम्मीद करते हैं कि आगे और आपदा नहीं आएगी। इससे आगे हम मुश्किलों से बचे रहेंगे।

इस्पात क्षेत्र के लिए परिदृश्य अब सकारात्मक हो रहा है और उद्योग को उम्मीद है कि सरकार नए साल में बुनियादी ढांचे में अधिक खर्च करेगी। हाजरा ने कहा कि ऐसा होने पर विभिन्न क्षेत्रों के लिए मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जुझारूपन के जरिए 2021 में हम कोविड-19 पूर्व के स्तर पर पहुंच सकेंगे।

उन्होंने कहा, 2019 में इस्पात की मांग 10.02 करोड़ टन थी। 2020 में इसके घटकर 8.1 करोड़ टन रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार के खर्च और इस्पात आधारित क्षेत्रों से मांग आने से 2021 में इस्पात की कुल मांग 10 करोड़ टन पर पहुंच सकती है।

जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक डी शेषगिरि राव ने कहा, 2020 पिछले 70 साल का सबसे खराब वर्ष रहा है। कोविड-19 महामारी की वजह से वैश्विक आर्थिक वृद्धि बुरी तरह प्रभावित हुई है।उन्होंने कहा कि 2020 में इस्पात की कुल मांग में गिरावट आने का अनुमान है, लेकिन अब उद्योग की प्राप्ति और मार्जिन में सुधार आ रहा है।

सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से बाजार में सुधार आ रहा है और अगले वित्त वर्ष में इसके और बेहतर रहने की उम्मीद है। चौधरी ने कहा, वाहन क्षेत्र, बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र में सुधार तथा रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन मसलन व्हाइट गुड्स की मांग में सुधार से देश में इस्पात की मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी।(भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

Adani Group को लेकर AAP नेता संजय सिंह ने किया यह दावा...

दिल्ली में दिखी छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की झलक, सशक्त भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका

अब Delhi-NCR में भी बिकेंगे नंदिनी के ये उत्‍पाद

LIVE: अडाणी को बड़ा झटका, केन्या ने रद्द किया 700 मिलियन डॉलर का करार

Manipur Violence : मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा

अगला लेख