झारखंड में सबसे प्रसिद्ध और खूससूरत राष्ट्रीय उद्यान है बेतला नेशनल पार्क। बेतला नेशनल पार्क, झारखंड के लातेहर और पलामू जिले में स्थित है। 979 वर्ग किमी में फैला हुआ ये नेशनल पार्क 1973-74 में स्थापित भारत के सबसे पुराने टाईगर रिजर्व में से एक है जिसे पहले पलामू टाईगर रिजर्व के नाम से जाना जाता था। 1986 में इसे एक राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। यहां पर घूमने का सबसे अच्छा मौसम अगस्त से नवंबर के बीच। आओ जानते हैं इस जंगल के बारे में रोचक जानकारी।
1. जंगली जानवर : यहां पर यदि आप जाते हैं तो देखने के लिए कई प्रकार और प्रजातियों के जंगली जानवर है। जैसे- जंगली हाथी, बाघ, तेंदुआ, हिरण, जंगली भालू, बंदर, सांभर, नीलगाय, गौर, टाइगर, सियार, चिंकारा, पैंथर, स्लोथ, काकर, चीतल आदि कई जानवर मौजूद हैं। इसके अलावा छोटे जीवधारियों की तो यहां इतनी जातियां है जिन्हें गिन पाना बहुत ही मुश्किल है।
2. पक्षी : डोगरा चील, तीतर, लाल जंगली मुर्गी, मोर, छपका, उल्लू, बगुले, दूधराज, धनेश, किलकिला और कोयल जैसे खूबसूरत पक्षियों को यहां देखा जा सकता है। साथ ही पलामू के जंगलों में करैत, नाग और दबोइया जैसे खतरनाक और विषैले सांप भी हैं। यहां 10 मीटर की लंबाई वाला अजगर मौजूद है। आप चाहें तो यहां विदेशी पक्षियों को देखने का भी अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहां सुंदर जलीय जीवों को भी यहां देख सकते हैं।
3. जंगल के भीतर और क्या : यहां पर आप पलामू किला, मिरचइया झरना, सुगा बांध, लोध झरना, मंडल बांध, तलाहा गर्म झरना तथा बरवाडिह का शिव मंदिर आदि कई स्थान देख सकते हैं। बेतला के पास पुराना और नया किला देखा जा सकता है। यहां के वॉचटावर से आप शानदार प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकते हैं। यहां कई छोटे-छोटे झरने भी हैं। यहां से कोयल और बरहा नदी गुजरती है जो आगे जाकर सोन नदी में मिल जाती है।
4. खासियत : इस वन में 970 प्रजाति के पौधे, 17 तरह की घाखें, 174 प्रजातियों के पक्षी, 49 स्तनधारी, 180 प्रजाति के औषधीय पौधे पाए जाते हैं। यहां पर बांस, आम, मुहआ, साल, पलाश, आंवला और अन्य कई तरह के पेड़ पौधे हैं
5 कैसे पहुंचें : बेतला राष्ट्रीय उद्यान का निकटतम हवाई अड्डा 180 किमी दूर रांची एयरपोर्ट है। रांची से आप सड़क और रेलमार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं।