एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित दिल्ली का चिड़ियाघर। आओ जानते हैं इस चिड़ियाघर की खासियत।
1. इस चिड़ियाघर को 1959 में बनाया गया था जिसका डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था।
2. इस चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय है, जहां से पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी ली जा सकती है। उल्लेखनीय है कि इसी चिड़ियाघर में एक सफेद बाघ ने एक युवक की जान ले ली थी।
3. 214 एकड़ में फैले इस जैविक उद्यान में जानवरों और पक्षियों की 22,000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं।
4. यहां पर ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से लाए गए पशु-पक्षी भी देखे जा सकते हैं। यहां अफ्रीकन हाथी, रंग-बिरंगे, छोटे-बड़े विदेशी पक्षी, सफेद बाघ, ऑस्ट्रेलियन कॉकेटूस व अफ्रीकन मकाओ, कोबरा सांप, पायथन और मगरमच्छ आदि कई पशु और पक्षी देखने को मिलेंगे।
5. सर्दियों में यह चिड़ियाघर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है जबकि गर्मियों में सुबह 8 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। शुक्रवार को यह बंद रहता है।