गणपति की पूजा में कौन-कौन सी वस्तुएं ज़रूरी होती हैं और क्यों?

WD Feature Desk
शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 (16:15 IST)
Ganesh Puja essentials items : गणपति पूजा, जिसे गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह भगवान गणेश के जन्मदिन का उत्सव है, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं। गणेश जी की पूजा में इस्तेमाल होने वाली हर एक वस्तु का अपना विशेष महत्व होता है, जो सिर्फ एक सामग्री न होकर, हमारी भक्ति और आध्यात्मिक भावना का प्रतीक है। यहां वेबदुनिया के प्रिय पाठकों के लिए श्रीगणेश जी की पूजा में जरूरी कुछ प्रमुख वस्तुएं और उनके महत्व के बारे में बताया गया है:ALSO READ: ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक श्रीगणेश उत्सव, जानें दस दिनों तक नैवेद्य चढ़ाने का महत्व
 
आइए जानते हैं श्रीगणेश पूजन में ये वस्तुएं क्यों जरूरी हैं:
 
1. दूर्वा घास
- गणेश जी को सबसे प्रिय दूर्वा घास को माना जाता है। पुराणों के अनुसार, जब गणेश जी ने एक राक्षस को निगला था, तो उनके पेट में जलन होने लगी थी। तब कश्यप ऋषि ने उन्हें दूर्वा घास खाने को दी, जिससे उनकी जलन शांत हो गई। तब से यह मान्यता है कि दूर्वा अर्पित करने से गणपति प्रसन्न होते हैं।
- महत्व: दूर्वा घास यह शुभता, पवित्रता और ऊर्जा का प्रतीक है।
 
2. मोदक
- मोदक भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग है। माना जाता है कि मोदक का गोल आकार ब्रह्मांड का प्रतीक है और इसकी मिठास मोक्ष का। इसलिए मोदक अर्पित करने से गणपति बहुत प्रसन्न होते हैं।
- महत्व: श्रीगणेश के प्रिय मोदक मिठास, आनंद और जीवन में सफलता का प्रतीक है।
 
3. लाल फूल
- गणेश जी को लाल रंग बहुत पसंद है, खासकर लाल गुड़हल का फूल। उन्हें लाल रंग के फूल चढ़ाने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं।
- महत्व: धार्मिक मान्यता के अनुसार गुड़हल का फूल ऊर्जा, शक्ति और प्रेम का प्रतीक है।
 
4. सिंदूर और कुमकुम
- भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे पूजा का शुभ प्रभाव बढ़ता है और भक्तों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- महत्व: सिंदूर और कुमकुम यह चीजें शुभता, सौभाग्य और पवित्रता का प्रतीक है।ALSO READ: Ganesh chaturthi 2025: गणेश विसर्जन कितने दिनों में कहां कब होता है?
 
5. पंचामृत
- पंचामृत यानी दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण, इससे गणेश जी की प्रतिमा को स्नान कराया जाता है। यह शुद्धिकरण का सबसे महत्वपूर्ण चरण है।
- महत्व: यह जीवन की पांच पवित्र वस्तुओं का प्रतीक है, जो जीवन में अमृत की तरह काम करती हैं।
 
6. अक्षत (चावल)
- अक्षत को पूजा में सबसे शुद्ध और संपूर्ण सामग्री माना जाता है। अक्षत अर्पित करने से गणेश जी भक्तों को धन, धान्य और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
- महत्व: चावल/अक्षत को अखंडता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
 
इन सभी वस्तुओं को पूजा में शामिल करके आप अपनी श्रद्धा और भक्ति को पूरी तरह से व्यक्त कर सकते हैं। तथा इनके शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।
 
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