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गणेश चतुर्थी से 10 दिनों तक बनाएं बप्पा का पसंदीदा नैवेद्य, लड्‍डू, मोदक सहित अन्य प्रसाद

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 26 अगस्त 2025 (13:35 IST)
Best prasad for Ganpati: गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक चलता है और हर दिन भगवान गणेश को उनके पसंदीदा पकवानों का भोग लगाया जाता है। मोदक तो गणपति का सबसे प्रिय प्रसाद है ही, लेकिन इसके अलावा भी कई व्यंजन हैं जो उन्हें अति प्रिय हैं।ALSO READ: श्रीगणेश के भोग में बनाएं नारियल के लड्डू, इस सरल रीति से
 
यहां गणेश चतुर्थी पर 10 दिनों तक चढ़ाए जाने वाले कुछ प्रमुख प्रसाद/नैवेद्य की सूची दी जा रही है:
 
1. मोदक: भगवान गणेश को मोदक सबसे अधिक प्रिय है। गणेश उत्सव के पहले दिन मोदक का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इसे नारियल और गुड़ की फिलिंग के साथ चावल या गेहूं के आटे से बनाया जाता है।
 
2. मोतीचूर के लड्डू: मोतीचूर के छोटे-छोटे लड्डू भी गणपति को बहुत पसंद हैं। माना जाता है कि इसे भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
 
3. पूरन पोली: यह महाराष्ट्र का एक पारंपरिक पकवान है, जो गणेश उत्सव में विशेष रूप से बनाया जाता है। यह मीठी दाल से भरी हुई एक तरह की रोटी होती है।
 
4. बेसन के लड्डू: बेसन, घी और चीनी से बने ये स्वादिष्ट लड्डू भी गणेश जी को बहुत प्रिय हैं।
 
5. केले का भोग: केले को शुभ फल माना जाता है और यह भगवान गणेश को बहुत पसंद है। आप केले का प्रसाद या केले से बना हलवा भी चढ़ा सकते हैं।
 
6. मखाने की खीर: दूध, मखाने और मेवे से बनी खीर को भी गणपति के भोग में शामिल किया जाता है। यह खीर आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक मानी जाती है।
 
7. नारियल: नारियल को त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक माना जाता है। इसलिए पूजा में नारियल का विशेष महत्व है। नारियल का भोग या नारियल के लड्डू भी चढ़ाए जा सकते हैं।
 
8. श्रीखंड: यह दही से बनी एक पारंपरिक मिठाई है, जो महाराष्ट्र और गुजरात में बहुत लोकप्रिय है। इसे केसर, इलायची और मेवे से सजाकर भोग लगाया जाता है।
 
9. चूरमा: राजस्थान में प्रसिद्ध चूरमा भी भगवान गणेश को बहुत पसंद है। इसे गेहूं के आटे और गुड़ से बनाया जाता है।
 
10. पंचामृत: यह पांच पवित्र चीजों दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल/जल को मिलाकर बनाया जाता है। यह हर पूजा में अनिवार्य रूप से शामिल होता है।
 
इसके अलावा, आप गणपति को खीर, सूजी का हलवा, पेड़े और सूखे मेवे भी अर्पित कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप जो भी प्रसाद चढ़ाएं, वह शुद्ध और सात्विक हो।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: चतुर्थी 2025 प्रसाद रेसिपी: श्रीगणेश का प्रिय भोग उकडीचे मोदक कैसे बनाएं, अभी नोट करें आसान तरीका

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