चातुर्मास में करेंगे इस तरह श्रीहरि विष्णु की सेवा तो मिलेगा सभी तरह का फल

Webdunia
मंगलवार, 12 जुलाई 2022 (15:14 IST)
सभी गुणों से युक्त चातुर्मास में सभी तीर्थ, देवस्थान, दान व पुण्य भगवान विष्णु की शरण में रहते हैं। 10 जुलाई 2022 देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो गए हैं। आओ जानते हैं कि इन चार माह में किस तरह श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करें।
 
1. प्रतिदिन भगवान विष्णु के मंदिर में साफ-सफाई करने और उनकी अर्चना करने से मनुष्य अगले जन्म में राज्य सुख प्राप्त करता है।
 
2. नित्य जो भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराता है वह वैभवशाली होकर हर प्रकार के सुख भोगता है।
 
3. श्रीहरि को जो नित्य तुलसी अर्पित करने से व मन्दिर में संध्या समय दीप प्रज्ज्वलित करने से विष्णुलोक की प्राप्ति होती है ।
 
4. श्रीहरि के समक्ष पुरुष सूक्त या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने का बड़ा माहात्म्य बताया गया है।
 
5. 'ॐ नमो नारायण’ यह भगवान विष्णु का प्रिय मंत्र है, इन चार माहों में इसका जाप करने से अनन्त फल प्राप्त होता है।
 
6. विष्णुजी के समक्ष वेद की ऋचाओं का गान करने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं।
 
7. सूर्य भी श्रीहरि का ही एक स्वरूप में। अत: सूर्य को नित्य अर्घ्य देने से वे प्रसन्न होते हैं।
 
8. चार माह व्रत रखने के बाद स्वर्ण या गाय का दान करने से मनुष्य जीवन पर्यन्त सेहतमंद रहता है तथा कीर्ति, धन व बल प्राप्त करता है।
9. चातुर्मास्य में जो मनुष्य पुराणों की कथा सुनते या पढ़ते हैं वह सब पापों से मुक्त होकर वैकुण्ठलोक को प्राप्त करते हैं।
 
10. चातुर्मास्य में भगवान नारायण जल में निवास करते हैं अत: जल में भगवान विष्णु के तेज का अंश विद्यमान रहता है। इसलिए जलपूजा और गंगा  स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। 
 
11. इस चातुर्मास में घर पर जल में तिल, आंवला या बिल्वपत्र मिलाकर स्नान करने से तीर्थ स्नान का फल प्राप्त होता है।
 
12. इस माह में अन्न व जल का दान करने से मनुष्य बुढ़ापे, सांसारिक क्लेशों व पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति हो जाता है।
 
13: ब्रह्माजी के प्रिय वृक्ष है पलाश में पापों के नाश व कामनाओं की पूर्ति करने की क्षमता है। अत: नित्य पलाश की पत्तल में भोजन करने से जातक रूपवान और और सभी भोगों से सम्पन्न होता है। उसे एकादशी करने का फल प्राप्त होता है और साथ ही वह सब प्रकार के दान व तीर्थों का फल भी पा लेता है।
 
14. चार माह भगवान पाताल में निवास करते है इसलिए भूमि पर शयन का बहुत महत्व है। भूमि शयन से सभी तरह के रोग मिट जाते हैं।
 
15. मौन रहकर तांबे के पात्र में भोजन करने से मनुष्य सभी तरह के दु:खों से दूर हो जाता है क्योंकि मौन होकर भोजन करने का फल उपवास के समान माना गया है।
 
16. चार माह में सामर्थ अनुसार गरीबों को भोजन कराएं और वस्त्र, तिल और स्वर्ण आदि दान करें। इससे सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और इस लोक में सुख भोग कर परलोक में मोक्ष प्राप्त करते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

श्री बदरीनाथ अष्टकम स्तोत्र सर्वकार्य सिद्धि हेतु पढ़ें | Shri Badrinath Ashtakam

तिरुपति बालाजी मंदिर जा रहे हैं तो जानिए 5 खास बातें

Apara ekadashi 2024: अपरा एकादशी कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Neem Puja vidhi: कैसे करें नीम के पेड़ की पूजा कि होगा मंगल दोष दूर

lakshmi puja for wealth : लक्ष्मी पूजा का है ये सही तरीका, तभी माता होंगी प्रसन्न

Astro prediction: 4 जून 2024 को किस पार्टी का भाग्य चमकेगा, क्या बंद है EVM में

Bada Mangal 2024 : जानें कब-कब रहेगा बड़ा मंगल, कर लिया इस दिन व्रत तो भाग्य बदल जाएगा

Tulsi : तुलसी के पास लगाएं ये तीन पौधे, जीवनभर घर में आएगा धन, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी

Jyeshtha month 2024: ज्येष्ठ माह के व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

Bhaiyaji sarkar: 4 साल से सिर्फ नर्मदा के जल पर कैसे जिंदा है ये संत, एमपी सरकार करवा रही जांच

अगला लेख