Ganesh Chaturthi : महामारी के दौर में ऐसे सीखें भगवान गणेश से लीडरशिप और मैनेजमेंट

प्रो. हिमांशु राय
हिंदू परंपरा के प्रतिष्ठित देवताओं में से एक, श्री गणेश को शुभता और नई शुरुआत का देवता माना जाता है। किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले उनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि उनका आशीर्वाद सभी बाधाओं से मुक्त करता है और विजयी होने का मार्गदर्शन करता है।
 
उनकी बुद्धिमत्ता की असंख्य किवदंतियां विभिन्न धर्म ग्रन्थ और लोककथाओं में वर्णित हैं, जो बताती हैं कि उन्होंने हमेशा किस प्रकार कठिन परिस्थितियों को भी प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया और अपनी बुद्धि, ज्ञान और संतुलित आचरण के साथ समाधान खोजा। श्री गणेश न केवल आध्यात्मिक झुकाव वाले, बल्कि प्रबंधन विशेषज्ञों को भी प्रेरित करते हैं,और सीख देते हैं कि किस प्रकार यानि अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता की चुनौतियों का सामना किया जाए।
 
‘गण-नायक’ से सीखें लीडरशिप
'गणेश' या 'गण नायक' नाम का अर्थ है गणों का नेता (नायक) या भगवान (ईश)। श्री गणेश की विनम्रता और ग्रहणशीलता ही उन्हें ‘प्रथम पूज्य’ बनाती है। कहानियों में उनका चित्रण उन विशेषताओं को उजागर करता है जो उन्हें एक महान देवता और लीडर भी बनाती हैं।
 
श्रवण कला
श्री गणेश 'गज मुख' यानि हाथी के मुख वाले देवता हैं और इसीलिए उनके बड़े कान हैं, जो बिना किसी अनुमान या पूर्वाग्रह के सभी की प्रार्थनाएं सुनते हैं और उनकी चिंताओं को दूर करते हैं।
 
मानसिक स्थिरता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता
उनका बड़ा सिर जागरूकता, ध्यान, विचारशीलता, मानसिक और भावनात्मक स्थिरता का प्रतीक है।
 
विभिन्न दृष्टिकोणों के लिए खुलापन
उनके चार हाथ चार पुरुषार्थ - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं - यानी कोई भी निर्णय लेने से पूर्व उसका नैतिकता, अर्थव्यवस्था, भौतिक लाभों के दृष्टिकोण से विश्लेषण करना और साथ-साथ दीर्घकालिक आध्यात्मिक और सामाजिक लाभ पर भी अनुमान लगाना।
 
बुद्धि और विनम्रता
चाहे वह अपने माता-पिता के चारों ओर चक्कर लगाना हो या कुबेर को धन के साथ आने वाली जिम्मेदारी का एहसास कराना हो, श्री गणेश ने हर बार अपनी विनम्रता और बुद्धि का अनुकरण किया और बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।
 
'विघ्नहर्ता' के समान करें संकट का सामना
विघ्नहर्ता या बाधाओं के निवारक के रूप में भगवान गणेश से हम वर्तमान corona महामारी के व्यवधानों से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने की सीख ले सकते हैं:
 
1. विश्लेषण
श्री गणेश अपने हाथों में पर्शु या कुल्हाड़ी पकडे हुए हैं, जो जटिल बाधाओं और समस्याओं का विश्लेषण करने के लिए उपयोगी हैं।
 
2. संश्लेषण
श्री गणेश कार्य पूर्ण करने की योजना के लिए सभी समाधानों को संश्लेषित करने या बाँधने के लिए एक पाश रखता है।
 
3. कार्यान्वयन
भगवान गणेश का अंकुश योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सख्त उपायों या आने वाले उतार-चढ़ाव के महत्व को दर्शाता है।
 
4. नवाचार
उनके हाथों में एक गन्ना या इक्षु नवाचार यानि इनोवेशन को दर्शाता है जो एक खराब या नकारात्मक स्थिति को एक मधुर अवसर में बदल सकता है।
 
5. लचीलापन
उनकी सूंड संसाधनों या समय की कमी से निपटने के लिए आवश्यक अनुकूलनशीलता और लचीलेपन का संकेत देती है। 
 
गणेश उत्सव न सिर्फ श्री गणेश के गुणों का उत्सव है, बल्कि उनकी विशेषताओं को प्रतिबिंबित करने का भी एक अवसर है जो एक बेहतर प्रबंधक बनने के लिए बेहद प्रभावी सिद्ध हो सकता है।

ALSO READ: श्रीगणेश चतुर्थी 2021 : 10 दिनों में गणेशजी के इन 11 उपायों में से कोई भी 1 करें

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

अगला लेख