श्री गणपति विसर्जन कब करें : पढ़ें शुभ मुहूर्त और बिदाई पूजन के नियम

Webdunia
श्री गणेश की बिदाई के पल नजदीक है। जिन लोगों ने पूरे 10 दिन श्री गणेश को विराजित किया है वे अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन करेंगे। इस बार 12 सितंबर गुरुवार के दिन अनंत चतुर्दशी है। आइए जानते हैं गणपति विसर्जन के शुभ मुहूर्त और नियम...  
 
इस बार सुबह 6 से 7 बजे और दोपहर 1:30 से 3 बजे तक का समय प्रतिमा विसर्जन के लिए ठीक नहीं है। इसके अलावा आप किसी भी समय विसर्जन कर सकते हैं।
 
अनंत चतुर्दशी (12 सितंबर)
चतुर्दशी की तिथि 12 सितंबर सुबह 5:06 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 7:35 तक है। 
 
सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त हैं- शाम 4:38 से 9:07 बजे तक, फिर रात 12:05 से तड़के 1:34 तक 
 
गणपति विसर्जन के नियम:
 
* सबसे पहले प्रतिदिन की जाने वाली आरती-पूजन-अर्चन करें। 
 
* विशेष प्रसाद का भोग लगाएं। 
 
* अब श्री गणेश के पवित्र मंत्रों से उनका स्वस्तिवाचन करें। 
 
*  एक स्वच्छ पाटा लें। उसे गंगाजल या गौमूत्र से पवित्र करें। घर की स्त्री उस पर स्वास्तिक बनाएं। उस पर अक्षत रखें। इस पर एक पीला, गुलाबी या लाल सुसज्जित वस्त्र बिछाएं। 
 
* इस पर गुलाब की पंखुरियां बिखेरें। साथ में पाटे के चारों कोनों पर चार सुपारी रखें। 
 
* अब श्री गणेश को उनके जयघोष के साथ स्थापना वाले स्थान से उठाएं और इस पाटे पर विराजित करें। पाटे पर विराजित करने के उपरांत उनके साथ फल, फूल, वस्त्र, दक्षिणा, 5 मोदक रखें। 
 
* एक छोटी लकड़ी लें। उस पर चावल, गेहूं और पंच मेवा और दूर्वा की पोटली बनाकर बांधें। यथाशक्ति दक्षिणा (‍सिक्के) रखें। मान्यता है कि मार्ग में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसलिए जैसे पुराने समय में घर से निकलते समय जो भी यात्रा के लिए तैयारी की जाती थी वैसी श्री गणेश के बिदा के समय की जानी चाहिए। 
 
* नदी, तालाब या पोखर के किनारे विसर्जन से पूर्व कपूर की आरती पुन: संपन्न करें। श्री गणेश से खुशी-खुशी बिदाई की कामना करें और उनसे धन, सुख, शांति, समृद्धि के साथ मनचाहे आशीर्वाद मांगें। 10 दिन जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना भी करें। 
 
* श्री गणेश प्रतिमा को फेंकें नहीं उन्हें पूरे आदर और सम्मान के साथ वस्त्र और समस्त सामग्री के साथ धीरे-धीरे बहाएं।
 
* श्री गणेश इको फ्रेंडली हैं तो पुण्य अधिक मिलेगा क्योंकि वे पूरी तरह से पानी में गलकर विलीन हो जाएंगे। आधे अधूरे और टूट-फूट के साथ रूकेंगे नहीं।   
 
* अगर विसर्जन घर में ही कर रहे हैं तो गमले को सजाएं, पूजन करें। अंदर स्वास्तिक बनाएं और थोड़ी शुद्ध मिट्टी डालकर मंगल मंत्रोच्चार के साथ गणेश प्रतिमा को बैठाएं। अब गंगा जल डालकर उनका अभिषेक करें। फिर सादा स्वच्छ शुद्ध जल लेकर गमले को पूरा भर दें। 
 
* श्री गणेश प्रतिमा गलने लगेगी तब उनमें फूलों के बीज डाल दें। 
 
ध्यान रखें कि प्रसाद गमले में न रखें। 
 
* श्री गणेश को भावविह्वल होकर प्रणाम करें। गमला घर की किसी स्वच्छ जगह पर रखें। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Buddha purnima 2024: भगवान बुद्ध के 5 चमत्कार जानकर आप चौंक जाएंगे

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा शुभकामना संदेश

Navpancham Yog: सूर्य और केतु ने बनाया बेहतरीन राजयोग, इन राशियों की किस्मत के सितारे बुलंदी पर रहेंगे

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

भगवान श्री बदरीनाथजी की आरती | Shri badrinath ji ki aarti

श्री बदरीनाथ अष्टकम स्तोत्र सर्वकार्य सिद्धि हेतु पढ़ें | Shri Badrinath Ashtakam

23 मई 2024 : आपका जन्मदिन

श्री बदरीनाथ की स्तुति | Badrinath ki stuti

23 मई 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख