Ganesh chaturthi 2024: मुंबई के 7 खास गणेश पांडाल, जहां गणपति के दर्शन के लिए जाते हैं लाखों भक्त

WD Feature Desk
मंगलवार, 3 सितम्बर 2024 (15:02 IST)
ganesh in mumbai
7 Ganesh pandal in mumbai: 7 सितंबर 2024 शनिवार से गणेश उत्सव प्रारंभ हो रहा है। देशभर में गणेशजी के पांडाल सज गए हैं। महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे में श्री गणेश उत्सव की धूम और उत्साह चरम पर है। मुंबई में तो दही हांडी के बाद गणेश उत्सव जबरदस्त धूम रहती है। यहां के गणपति पंडाल को देखने के लिए सिर्फ मुंबईकर ही नहीं देश और दुनिया से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। इसके बाद पुणे में है सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय पांडाल। आओ जानते हैं मुंबई के खास 7 गणेश पंडालों की जानकारी।
 
1. लालबाग चा राजा : लालबाग चा राजा' मुंबई के सबसे चर्चित गणेशोत्सव पंडालों में से एक है। लगभग 9 दशकों से मुंबई में 'लालबाग चा राजा' का दरबार सजता आ रहा है। लालबाग चा राजा की सबसे बड़ी खासियत होती है कि यहां भगवान गणपति को एक राजा के तौर पर सिंहासन पर विराजमान रूप में ही दिखाया जाता है। मुंबई में लोअर परेल के पास होती है 'लालबाग चा राजा' की पूजा। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु गणेशोत्सव के 10 दिनों के दौरान इनके दर्शन करने पहुंचते हैं। सिर्फ मुंबईकर ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे शहरों और देश व विदेशों से भी लोग पहुंचते हैं।
 
2. जीएसबी के गणेश : जीएसबी सेवा मंडल पंडाल में सबसे अमीर गणेश जी देखें जा सकते हैं। यहां सोने, चांदी के बेशकीमती आभूषणों में सजकर विराजे हैं विनायक, जिन्हें देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही हैं। यहां पर 295 किलो से ज्यादा चांदी और 66 किलो से ज्यादा वजन के सोने के आभूषणों से सजाया जाता है। इसके लिए गणेश मूर्ति और पंडाल का बीमा भी किया जाता है।
 
3. गणेश गली मुंबईचा राजा: मुंबईचा राजा के नाम से मशहूर गणेश गली गणपति मूर्ति मुंबई के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय गणेश पंडालों में से एक है। लालबागचा राजा से कुछ ही गलियों की दूरी पर स्थित यह पंडाल मुंबईकरों के साथ ही अन्य लोगों में भी लोकप्रिय है। यह पंडाल हर साल अनूठी और रचनात्मक सजावट थीम पेश करने के लिए प्रसिद्ध है। गणेश गली मंडल पर्यावरण के अनुकूल गणेश की प्राकृतिक मूर्ति बनाकर पर्यावरण के अनुकूल गणेशोत्सव को बढ़ावा देने के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की मूर्ति करीब 22 फीट ऊंची होती है।
lalbaugcha raja
4. चिंचपोकली च राजा, चिंतामणि- मुंबईचा चिंतामणि : चिंचपोकली चा राजा, जिसे चिंतामणि के नाम से भी जाना जाता है। यह भक्तों कि चिंता दूर करके इच्छा पूर्ति करते हैं। यह पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है साथ ही यह भव्य अनुष्ठान के लिए भी जाना जाता है। चिंतामणि पंडाल को अनोखे ढंग से डिज़ाइन किया जाता है और इसमें एक विशाल मूर्ति रखी जाती है। पूरे वर्ष में, मंडल द्वारा एकत्र किए गए धन का लगभग 60% सामाजिक सेवाओं पर खर्च किया जाता है।
 
5. खेतवाड़ी चा गणराज- मुंबई की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति: इस पुरस्कार विजेता खेतवाड़ी गणराज को मुंबई की सबसे खूबसूरत गणेश मूर्तियों में से एक कहा जाता है। 1970 से इस मंडल को 'सार्वजनिक श्री गणेशोत्सव खेतवाड़ी मंडल' के रूप में जाना जाता है। एक समय पहले यह क्षेत्र पारसी, मराठी, मुस्लिम, ईसाई और हिंदुओं से भरा हुआ था, जिन्होंने गणेश उत्सव समारोह के माध्यम से एकता को बढ़ावा देने के लिए लोकमान्य तिलक की पहल का समर्थन किया था। यह मंडल भारतीय इतिहास में सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा बनाने के लिए प्रसिद्ध हुआ, जो 40 फीट ऊंची थी। खेतवाड़ी चा गणराज मूर्ति का सबसे आकर्षक पहलू यह है कि पड़ोस की लगभग हर गली में एक गणेश मूर्ति है। वर्तमान में 28 से  30 फीट ऊंची प्रतिमा बनाते हैं।
 
6. अंधेरीचा राजा- उपनगरों के प्रसिद्ध गणेश: अंधेरीचा राजा उपनगरों में उतना ही प्रसिद्ध है जितना कि लालबागचा राजा दक्षिण बॉम्बे में है, इसलिए जब आप मुंबई में सबसे प्रसिद्ध गणेश पंडालों की तलाश कर रहे हों तो दोनों जगह जाएं। गणेश चतुर्थी के दौरान, कई मशहूर हस्तियां और जानी-मानी हस्तियां वहां आती हैं। हर साल, मूर्ति एक जैसी दिखती है, और मंडल पिछले साल से अधिक पर्यावरण के अनुकूल होने की दिशा में काम कर रहा है। मंडल का निर्माण 1966 में टोबैको कंपनी, टाटा स्पेशल स्टील और एक्सेल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कर्मियों द्वारा किया गया था, जो लालबाग से अंधेरी चले गए थे। हर साल, अंधेरीचा राजा मंडल की एक व्यापक और अभिनव थीम होती है, जो इसे मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणेश पंडालों में से एक बनाती है। पता है- वीरा देसाई रोड, आज़ाद नगर अंधेरी (पश्चिम).
 
7. गिरगांव चा राजा- मुंबई में चरनी रोड रेलवे स्टेशन के प्रसिद्ध पर्यावरण-अनुकूल गणेश:- लोकमान्य तिलक ने गिरगांव में केशवी नाइक चॉल सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल नामक पहला और सबसे पुराना मंडल स्थापित किया था। वे सार्वजनिक स्थान पर भगवान गणेश की एक बड़ी मिट्टी की मूर्ति स्थापित करने वाले पहले व्यक्ति थे, जिससे 10 दिवसीय उत्सव की शुरुआत हुई। इस मंडल की गणेश मूर्ति शादु मिट्टी से बनाई गई है और पर्यावरण के अनुकूल है। मूर्ति को पारंपरिक महाराष्ट्रीयन फेटा (पगड़ी) से खूबसूरती से सजाया गया है, जो वर्षों से इसका पर्याय बन गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

अगला लेख