Coronavirus : कोरोनाकाल के कुछ अच्छे सबक, जिसने बदल दी lifestyle

Webdunia
कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे ने लोगों के जीवन में कई तरह के बदलाव किए हैं। घर से लेकर दफ्तर तक स्कूल, कॉलेज, निजी जिंदगी में कोरोना का प्रभाव हर स्तर पर हुआ है। लेकिन कोरोना से आए बदलाव को सिर्फ नकारात्मक पक्ष पर ही नहीं सोच सकते हैं, बल्कि इस बदलाव ने जिंदगी जीने के लिए कुछ अच्छे सबक भी दिए हैं जिससे पूरी तरह से दिनचर्या में बदलाव हुआ है। आइए एक नजर डालते हैं कोरोनावायरस से हुए कुछ अच्छे बदलाव की ओर...
 
कोरोनावायरस के कारण लगे लॉकडाउन में लोगों ने बेहद सीमित संसाधनों में परिवार के साथ रहकर अपना समय व्यतीत किया है। भले ही जिंदगी व्यतीत करने के लिए संसाधन कम है लेकिन अपनों का स्वास्थ्य और साथ रहने का महत्व कितना अधिक होता है, यह कोरोनावायरस ने सिखा दिया।
 
कोरोना काल के मुश्किलभरे दौर में इंसानियत बढ़ी है। लोग एक-दूसरे की तकलीफों को समझ रहे हैं। वाकई कोरोना व लॉकडाउन का यह काल जिंदगी का एक अहम सबक हम सबको देकर गया है।
 
कोरोनावायरस से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के समय अधिकतर कर्मचारियों को अपने घर से रहकर काम करने के लिए कहा गया, वहीं कर्मचारी भी ऑनलाइन काम बखूबी कर रहे हैं जिससे वर्क फ्रॉम होम के कल्चर को बढ़ावा मिला।
 
कोरोना से पहले 'क्लास रूम में जाकर ही पढ़ाई संभव है', जैसे विचार अब बदल चुके हैं। पढ़ाई के तौर-तरीकों में बदलाव देखा जा रहा है। ऑनलाइन वर्चुअल क्लासेज का इस्तेमाल बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है।
 
कोरोना काल में घर-घर में साफ-सफाई और हाइजिन की अहमियत को समझा जा रहा है। लोग अब सफाई पर बहुत अधिक ध्यान दे रहे हैं। व्यक्तिगत हाइजिन को समझा जाने लगा है।
 
सड़कों पर गंदगी फैलाने जैसी बुरी आदतों पर ब्रेक लगा है। अब लोग सड़कों पर थूकने या कचरा फेंकने से कतराते हैं।
 
कोरोना काल में अपने दोस्तों या रिश्तेदारों से बात करने पर उनसे परिवार और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के हालचाल जानते हैं। कोरोना काल ने रिश्तों के महत्व को समझा दिया है।
 
ऐसे लोग जो अपनी कोरोना से पहले वाली जिंदगी में अपने में व्यस्त रहते थे, कभी अपने आसपास के लोगों से बात न करने वाले लोग भी आज आसपास में घर की बालकनी में खड़े होकर रिश्तों की मिठास बढ़ा रहे हैं।
 
पहले जहां लोग अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए मॉल्स या मार्केट का रुख करते थे, अब कोरोनावायरस के डर से भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से कतराते हैं जिससे ऑनलाइन शॉपिंग में तेजी देखी जा रही है।
 
ऐसे लोग जिन्होंने अपनी दिनचर्या में ऐसी चीजों को शामिल किया था, जो उनके स्वास्थ्य के लिए किसी जहर से कम नहीं थीं, वे चीजें भी इस दौरान लोगों की छुटीं।
 
ऐसे लोग जो हर समय अपनी दुनिया में व्यस्त रहते थे और परिवार के सदस्यों को समय नहीं दे पाते थे, वे लोग अब परिवार के सदस्यों को अपना समय दे रहे हैं। बच्चों के साथ खुश हैं और उनको भरपूर समय देने के लिए इस समय का पूरा सदुपयोग कर रहे हैं।
 
दूर रहकर भी रिश्तों को बखूबी निभाया जा सकता है, कोरोना काल से यह सबक मिला। लॉकडाउन के दौरान लोग दोस्तों व रिश्तेदारों से दूर थे लेकिन बिना मिले अपने रिश्तों को कैसे सहेजकर रखा जा सकता है, इस बात का अच्छा अनुभव मिला।
 
कोरोनावायरस से बचने के लिए लॉकडाउन किया गया जिससे प्रदूषण में कमी आई। देश के तमाम शहरों में वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में भारी कमी देखी गई है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डॉक्टर्स और एक्सपर्ट

Winter Fashion : सर्दियों में परफेक्ट लुक के लिए इस तरह करें ओवरसाइज्ड कपड़ों को स्टाइल

सभी देखें

नवीनतम

बॉडी पॉलिशिंग का है मन और सैलून जाने का नहीं है टाइम तो कम खर्च में घर पर ही पाएं पार्लर जैसे रिजल्ट

मजेदार बाल गीत : गुड़िया रानी क्या खाएगी

क्या बच्‍चों का माथा गर्म रहना है सामान्य बात या ये है चिंता का विषय?

आपकी ये फेवरेट चीज, बच्चों के लिए है जहर से भी ख़तरनाक , तुरंत संभल जाइए वरना बच्चों को हो सकते हैं ये नुकसान ...

कितना सच है महिलाओं को लेकर आचार्य चाणक्य का ये दावा, चाणक्य नीति में मिलता है विशेष उल्लेख

अगला लेख