डेंगू का बढ़ता प्रकोप : बिना बुखार वाला डेंगू ज्यादा खतरनाक है

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एफेब्रिल डेंगू' क्या है?
 
'एफेब्रिल डेंगू' यानी बिना बुखार वाला डेंगू। आम तौर पर होने वाले डेंगू में मरीज़ तेज़ बुखार की शिकायत करता है। उसके शरीर में भयानक दर्द होता है। लेकिन मधुमेह के मरीज़ों, बूढ़े लोगों और कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों में बुखार के बिना भी डेंगू हो सकता है।
 
ऐसे मरीज़ों को बुखार तो नहीं होता, लेकिन डेंगू के दूसरे लक्षण ज़रूर होते हैं। ये लक्षण भी काफी हल्के होते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं इस तरह का डेंगू ख़तरनाक हो सकता है, क्योंकि मरीज को पता ही नहीं होता कि उसे डेंगू हो गया है। कई बार वो डॉक्टर के पास भी नहीं जाते।"
 
इस तरह के डेंगू में बहुत हल्का इंफेक्शन होता है। मरीज़ को बुखार नहीं आता, शरीर में ज़्यादा दर्द नहीं होता, चमड़ी पर ज़्यादा चकत्ते भी नहीं होते। कई बार मरीज़ को लगता है कि उसे नॉर्मल वायरल हुआ। "लेकिन टेस्ट कराने पर उनके शरीर में प्लेटलेट्स की कमी, व्हाइट और रेड ब्लड सेल्स की कमी होती है।"
 
ऐसा डेंगू किन लोगों को हो सकता है
 
•बुज़ुर्गों, छोटे बच्चों को 
•कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों को 
•मधुमेह के मरीज़ को 
•कैंसर के मरीज़ को 
•या जिनका ट्रांसप्लांट हुआ हो
 
इन लोगों को इस तरह का डेंगू होने का ख़तरा रहता है। इसलिए इस मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। डॉक्टरों के मुताबिक इस सीज़न में अगर किसी को शरीर में दर्द, थकान, भूख ना लगना, हल्का-सा रैश, लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्या हो, लेकिन बुखार की हिस्ट्री ना हो। तो वो डेंगू हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
 
उनके मुताबिक अगर मरीज़ सही समय पर प्लेटलेट्स चेक नहीं कराता, तो दिक्कत हो सकती है। अगर प्लेटलेट्स कम हो गए हैं तो ये ख़तरे की बात हो सकती है।
 
आम तौर पर डेंगू में तेज़ बुखार, शरीर में भयंकर दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर चकत्ते हो जाते हैं। "लेकिन कुछ एक मामलों में ऐसे लक्षण नहीं होते। ऐसे असाधारण मामले हर साल आते हैं। ऐसे मरीज़ों को हम टेस्ट कराने की सलाह देते हैं और कई मामलों में टेस्ट पॉज़िटिव भी होता है।"
 
कई बार जब डेंगू का मच्छर काटता है तो वो खून में बहुत कम वायरस छोड़ता है। इसलिए डेंगू के लक्षण भी बहुत हल्के होते हैं। "ज़्यादा वायरस छोड़ेगा तो ज़्यादा लक्षण देखने को मिलेंगे और कम वायरस छोड़ेगा तो कम लक्षण देखने को मिलेंगे या हो सकता है कि लक्षण नज़र ही ना आएं। इसके अलावा कई लोगों में बुखार की हिस्ट्री नहीं होती, इसलिए भी उन्हें बुखार नहीं होता।"
 
कोरोना के बाद डेंगू के मरीज़ों में ज़्यादा कॉम्प्लिकेशन देखने को मिल रही है। 
 
खूब पानी पीएं
 पानी पीना डेंगू का कारगर इलाज है। आपको माइल्ड डेंगू हो या सीवर डेंगू, अगर आप खूब पानी पीएंगे तो जल्दी ही ठीक हो जाएंगे। पानी ना पीने या कम पीने की वजह से डेंगू बढ़ जाता है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें। पानी पीते रहने और आराम करने से कई बार डेंगू खुद ही ठीक हो जाता है।

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