वॉर की खबरें सुनकर बढ़ रहा है डिप्रेशन और स्ट्रेस? जानें इस सेकंडहैंड ट्रॉमा से कैसे बचें

WD Feature Desk
गुरुवार, 8 मई 2025 (12:29 IST)
fear of war causing anxiety hindi: टीवी न्यूज, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर जब से ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया, मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट जैसी खबरें आई हैं, तब से देश में एक मानसिक हलचल महसूस की जा रही है। न केवल बच्चे या बुजुर्ग, बल्कि सामान्य युवा और व्यस्क भी इन खबरों को सुनकर बेचैनी, डर, तनाव और थकावट जैसी मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसे मनोवैज्ञानिक भाषा में “War Anxiety” या "युद्ध-आधारित चिंता" कहा जाता है। आधुनिक जीवनशैली में जब पहले से ही काम का तनाव, व्यक्तिगत जीवन की उलझनें और सोशल मीडिया का शोर है, तो युद्ध जैसी नेगटिव खबरें मेंटल हेल्थ को और ज्यादा प्रभावित करती हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिर ये वॉर एंग्जायटी होती क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
 
क्या है War Anxiety? (युद्ध से जुड़ी चिंता)
War Anxiety एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति युद्ध या संघर्ष से जुड़ी खबरों, वीडियो, या चर्चाओं को देखकर इतना प्रभावित हो जाता है कि उसे बार-बार डर, बेचैनी, असहायता और गहरी चिंता महसूस होने लगती है। यह एक तरह का "Second-hand trauma" है, यानी खुद पर नहीं, लेकिन दूसरों की पीड़ा को देखकर दिमाग पर असर होना। यह चिंता तब और बढ़ जाती है जब खबरें मॉक ड‍्र‍िल, बंकरों में रहने की जरूरत, बॉर्डर मूवमेंट्स या सरकार की चेतावनियों से भरी होती हैं।
 
War Anxiety के लक्षण क्या हो सकते हैं?
अगर आप या आपके आस-पास कोई इन संकेतों को महसूस कर रहा है, तो सतर्क हो जाइए:
किन लोगों को War Anxiety ज्यादा प्रभावित करती है?
War Anxiety से कैसे बचें? कुछ सरल लेकिन असरदार उपाय
1. न्यूज की सीमित खपत करें: हर मिनट अपडेट देखने से तनाव बढ़ता है। दिन में एक बार किसी भरोसेमंद न्यूज सोर्स से जानकारी लें और फिर सोशल मीडिया से दूरी बनाएं।
 
2. पॉजिटिव रूटीन बनाएं और उसे फॉलो करें: अपने दिन को एक निश्चित ढांचे में बांधिए — व्यायाम, पढ़ाई, परिवार से बात, खाना और आराम। रूटीन दिमाग को स्थिर रखता है।
 
3. मेडिटेशन और योग करें: 5 से 10 मिनट का मेडिटेशन भी चिंता को बहुत हद तक कम कर सकता है। प्राणायाम, अनुलोम-विलोम और शवासन मानसिक शांति लाते हैं।
 
4. परिवार और दोस्तों से बात करें: अपने डर को मन में न रखें। भरोसेमंद लोगों से बात करें, उनके साथ समय बिताएं। संवाद चिंता को हल्का करता है।
 
5. ‘Reality Check’ करें: हर खबर को सच न मानें। फेक न्यूज से दूर रहें। अफवाहों से दूर रहें और सोचें कि क्या वास्तव में स्थिति इतनी खराब है, या सिर्फ मीडिया उसे बड़ा बना रहा है।
 
कब लेनी है प्रोफेशनल मदद?
अगर आपकी चिंता रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करने लगी है, जैसे काम में मन न लगना, किसी से बात न करना, बार-बार डरना, तो यह संकेत है कि आपको किसी काउंसलर या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। ऑनलाइन थेरेपी आज आसानी से उपलब्ध है और इसका कोई सामाजिक टैबू नहीं होना चाहिए। 


अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 
ALSO READ: सिर दर्द को मिनटों में दूर करेंगे ये 5 योगासन, जानिए इन्हें करने का आसान तरीका

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

लबों पर उसके कभी बद-दु'आ नहीं होती, मदर्स डे पर भावुक कर देंगे मां की ममता का बखान करते ये शेर

रिलेशनशिप में फील हो रहा है अकेलापन? जानिए ये 5 बड़े संकेत जो बताते हैं कि आपका रिश्ता भी है साइलेंट डाइवोर्स का शिकार

पनीर बना दुनिया का सबसे घटिया फूड, 80% सैंपल फेल, जानिए कैसे बचें मिलावट के धोखे से

शिवलिंग मुद्रा क्या है? क्या सच में बॉडी के लिए है फायदेमंद? जानिए इस पॉवरफुल योग मुद्रा के बारे में

कितने सच हैं यूरीन थेरेपी से इलाज के दावे, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

सभी देखें

नवीनतम

ऑपरेशन सिंदूर पर कविता : सिंदूर मिटाने वाले सुन

विश्व रेड क्रॉस दिवस, करुणा की शक्ति को सलाम: पढ़ें World Red Cross Day 2025 पर 15 बेहतरीन कोट्‍स

विश्व रेड क्रॉस दिवस: जीवन बचाने की अनमोल परंपरा, जानें इतिहास, महत्व और 2025 की थीम

घर के चिराग के लिए 'प्र' से शुरू होने वाले नाम और उनके अर्थ, हर नाम है एक से बढ़ कर एक

गर्मी में फटे होठों के लिए बेस्ट है ये होममेड लिप बाम, जानिए बनाने का तरीका

अगला लेख