क्‍या सभी होंगे ओमिक्रॉन से संक्रमित? कैसे बचाव संभव है? जानें Expert से

Webdunia
बुधवार, 26 जनवरी 2022 (11:18 IST)
कोरोना वायरस का प्रकोप कभी कम नहीं हुआ है। पूरी दुनिया में तबाही का आलम जारी है। ओमिक्रॉन अब और कितना खतरनाक होगा अभी विशेषज्ञों द्वारा इस पर लगातार शोध जारी है। हालांकि यह वायरस पहले से मौजूद वायरस अल्‍फा, बीटा जैसे वैरिएंट से भी अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। साथ ही ओमिक्रॉन की वजह से दुनिया में तीसरी लहर का सामना करना पड़ रहा है।  

वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन ने लोगों को फिर से अधिक सतर्क रहने की सलाह दी है। क्योंकि यह वैरिएंट तेजी से लोगों में सर्दी-खांसी के रूप में फैल रहा है। डब्‍ल्‍यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने मुताबिक ओमिक्रॉन कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम गंभीर है लेकिन फिर भी यह तेजी से लोगों में फैल रहा है। अभी भी बीमारी के फुल स्‍पेक्‍ट्रम को जन्म दे सकता है,जैसा पिछले वैरिएंट में भी देखा गया था। यह वैरिएंट हल्‍के लक्षणों के साथ जारी तेजी से फैला था और देखते ही देखते गंभीर रूप धारण कर लिया था।

वहीं अब ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 ने भी दस्तक दे दी है। वह तेजी बच्‍चों से लेकर बूढ़ों लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। जिन्‍हें वैक्‍सीन की दोनों डोज लग चुकी है वे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। साथ ही बच्‍चों को भी गंभीर रूप से यह संक्रमित कर रहा है।

डॉ. रवि दोसी, कोविड स्‍पेशलिस्‍ट, इंदौर, ने बताया कि शुरुआती लक्षण सर्दी, खांसी बुखार ही है, पर हल्की तीव्रता का नहीं होते हुए फेफड़ें में भी निमोनिया होता है। जी हां, इंदौर में 12 केस आए है जिसमें से 6 बच्चे हैं और 6 बड़े हैं। यह डबल वैक्‍सीनेटड मरीजों को भी संक्रमित कर रहा है। जिन मरीजों में 40 से 50 फीसदी तक फेफड़ों में निमोनिया मिला है उनके शुरुआती लक्षण ही तीव्र थे। सांस लेने में तकलीफ हुई थी, ऑक्सीजन में कमी दर्ज की थी जिससे उन्‍हें ICU में एडमिट किया गया।

बचाव के सबसे सशक्त तरीके -

- सोशल डिस्‍टेंसिंग।
- मास्‍क पहने।
- भीड़-भाड़ वाली जगह पर नहीं जाएं।

वहीं जिन्‍हें डबल डोज लग चुकी है या प्रिकॉशनरी डोज लग चुकी है उन्‍हें कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करें।

गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए खतरा है ओमिक्रॉन

केरखोव ने बताया कि, पुरानी गंभीर बीमारी से पीड़ित है वैक्सीन नहीं लगवाया है वे लोग जल्दी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद उन्‍हें गंभीर रोग हो सकता है। इसलिए और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

तेजी से फैल रहा ओमिक्रॉन

WHO के तकनीकी प्रमुख ने कहा कि, तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट लोगों को आसानी से संक्रमित कर रहा है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यह सभी को होगा।  

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पूर्व में कहा था कि प्रारंभिक डेटा से समझ आता है कि कोविड-19 के खिलाफ वर्तमान टीके ओमिक्रॉन ट्रांसमिशन के खिलाफ कम प्रभावी हो सकते हैं, जिससे फिर से संक्रमण का खतरा भी हो सकता है। वहीं  WHO प्रमुख ने भी कहा था कि महामारी अभी खत्‍म नहीं हुई है। इसे हल्के में नहीं लें।

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