World Bicycle Day : 3 जून को मनाते हैं विश्व साइकिल दिवस, जानिए साइकिल चलाने के क्या हैं फायदे

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  • * शहरवासियों को साइकिलिंग भा रही है।
  • * साइकिल चलाने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। 
  • * साइकिल चलाने का सर्वोत्तम समय सुबह होता है।
  • * नियमित रूप से साइकिल चलाना चाहिए, इससे मोटापा घटता है।
यदि आप कार-बंगले वाले हैं तो अपने स्टेटस को साइकिल से जोड़कर कम समझने की भूल न करें। कार से उतरें तथा प्रतिदिन कम से कम 5-6 किलोमीटर तक साइकिलिंग करें, देखें फिर आप अपनी फिटनेस। नियमित साइकिल चलाने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। यह न केवल सर्वोत्तम व्यायाम है, अपितु खर्च भी बचाता है। बहुत से लोग चाहकर भी साइकिल नहीं चला पाते। लोग क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे आदि बातों की कल्पना करते हैं। वे साइकिल चलाने का इरादा छोड़ देते हैं।
 
साइकिल चलाने को एक व्यायाम के रूप में अपनाइए तो इसके ढेर सारे लाभ होते हैं। यदि समतल सड़क या मैदान पर साइकिल चलाई जाए तो इसमें थकान कम और व्यायाम अधिक होता है।
 
शहरों में एक-दूसरे के पास गाड़ियों की संख्या जानने के लिए तो लोगों का उत्सुक रहना आम बात है लेकिन अब लोग एक-दूसरे के घरों में साइकिल की बाबत भी पूछ रहे हैं। नहीं, यह पेट्रोल बचाने की कोई मुहिम नहीं है बल्कि इसके पीछे शहरवासियों का अपनी सेहत के प्रति सजग होना है। सुबह सवेरे साइकिलिंग करना लोगों की आदत में शुमार होता जा रहा है। लोग अब जिम जाने की बजाय साइकिल चलाना ज्यादा पसंद करते हैं।
यही वजह है कि लोग सुबह सैर और जॉगिंग करने के साथ-साथ साइकिलिंग करना भी पसंद करते हैं। इनमें बच्चे, बुजुर्ग, युवा सब शामिल हैं।
 
जिम, योग, जॉगिंग के बाद अब शहरवासियों को साइकिलिंग भा रही है। सेहत के नजरिए से लोग साइकिल चलाना पसंद कर रहे हैं और इसे अपनी आदत में शुमार कर लिया है। इतना ही नहीं, पहले जहां साइकिल को गरीब वर्ग से जोड़ कर देखा जाता था, वहीं अब महं गी गाड़ियों में घूमने वाले लोगों के घरों में भी साइकिल नजर आ रही है। हमने बात की शहर के साइकिलिंग फैन्स से... 
 
आनंदवन में रहने वाले अनुभव खिरवडकर ने बताया कि भले ही घर में दो गाड़ियां हों लेकिन उसके बाद भी वह बाजार साइकिल से जाना पसंद करते हैं। उन्होंने बताया कि इसका फायदा है कि व्यायाम होने के साथ-साथ प्रदूषण भी नहीं होता है। उन्होंने कुछ समय पहले ही नई रेंजर साइकिल खरीदी है। जिस पर वह सुबह आधा-पौना घंटा साइकिलिंग करते हैं और इसी वजह से वह बिलकुल फिट है।
 
स्कीम 140 में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल डी.पी. डबकरा ने बताया कि वे अपनी दिनचर्या साइकिलिंग से ही शुरू करते हैं। लगभग पौना घंटा साइकिलिंग करने से उनका स्टैमिना बढ़ा है और इस वजह से वह स्वयं को काफी तरोजाता महसूस करते हैं। उन्होंने बताया कि घर में गाड़ी होना स्टेटस सिंबल माना जाता है लेकिन आजकल लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है और अपनी सेहत पर ध्यान देते हुए लोगों ने साइकिल की ओर रुख किया है।
 
 मिलन हाइट्स में रहने वाले दुबे दंपति सुबह 6 बजे ही साइकिलिंग करने सड़कों पर निकल जाते हैं। पत्नी सोनिया ने बताया कि साइकिलिंग से बेहतर व्यायाम कोई नहीं है। पहले सिर्फ पति रितेश ही साइकिल चलाते थे लेकिन उन्हें चुस्त-दुरुस्त देखने के बाद सोनिया ने भी साइकिलिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है।
 
उनका कहना है कि सुबह साइकिलिंग कर वह पूरे दिन ऊर्जा से भरपूर रहती हैं। इसी के साथ उनकी कार्य करने की क्षमता भी अब पहले के मुकाबले बहुत बढ़ गई है। साइकिलिंग करने से वजन में भी कमी आई है।
 
स्किम नंबर 103 में रहने वाले पंकज मिसरा साइंटिस्ट हैं, साइकिलिंग उन्हें इस कदर पसंद है कि वे अपने छोटे मोटे काम भी साइकिल से ही करते हैं और अब तक वे 3 साइकिल बदल भी चुके हैं। 
फायदे benefits of bicycle
जिनके घुटने के जोड़ दुःखते हैं या शरीर में जकड़न महसूस होती है, वे अनिवार्य रूप से एक घंटे साइकिल चलाएँ। जरूरी नहीं है कि सड़कों या मैदानों में जाकर ही यह कार्य करें।
 
चाहें तो घर के किसी कमरे में साइकिल को स्टैंड पर खड़ी करके सीट पर बैठ जाएँ तथा पैडल मारें, इससे घुटनों का अच्छा व्यायाम हो जाता है तथा जोड़ खुलने लगते हैं। पैरों की पिंडलियों की मांसपेशियाँ भी मजबूत बनती हैं।
 
साइकिल चलाना सबसे सरल व्यायाम है, इसे स्त्री-पुरुष और बच्चे सभी अपना सकते हैं। हाँ, अपनी ऊँचाई के हिसाब से साइकिल लेनी चाहिए अन्यथा फायदे कम, नुकसान ही ज्यादा होंगे।
 
साइकिल चलाने का सर्वोत्तम समय सुबह होता है। इस समय ज्यादा ट्रॉफिक नहीं रहता अतः प्रदूषण बहुत कम होता है और वायु भी शुद्ध मिलती है। याद रहे, शुरुआत में साइकिल कम दूरी तक ही चलाएँ तथा उसकी गति मध्यम हो, जगह चढ़ाई वाली न हो।
 
जो लोग अपने मोटापे से दुःखी हैं, उन्हें नियमित रूप से साइकिल चलाना चाहिए, इससे मोटापा घटता है। साइकिल चलाने से जाँघें भी मजबूत होती हैं तथा शरीर में रक्त संचालन भी सही ढंग से होता है, जिससे फेफड़े भी मजबूत बनते हैं।
 
एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कार्यालय जाने के लिए अपने वाहन का इस्तेमाल करने के बजाय सार्वजनिक वाहन या साइकल का उपयोग करने या पैदल चलने से लोगों को वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
 
ब्रिटेन में ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय (यूईए) और सेंट फॉर डाइट एंड एक्टिविटी रिसर्च के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि कार्यालय पैदल चलकर जाने या साइकल से जाने से मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
 
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अपने वाहन के बजाए कार्यालय जाने के लिए सार्वजनिक वाहन या साइकल का प्रयोग करने या पैदल कार्यालय जाने से 2 वर्ष में वजन कम हो सकता है। अनुसंधानकर्ताओं ने 4,000 लोगों से बातचीत के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।
 
यूईए के नोर्विच मेडिकल स्कूल के मुख्य अनुसंधानकर्ता एडम मार्टिन ने कहा कि हमने पाया कि कार के बजाय पैदल चलने, साइकल चलाने या सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करने से औसतन 0.32 बीएमआई कम हुआ, जो एक सामान्य व्यक्ति का एक किलोग्राम वजन कम होने के बराबर है।
 
उन्होंने कहा कि अनुसंधान में पाया गया कि यात्रा जितनी लंबी होगी, उतना ही अधिक वजन कम करने में मदद मिलेगी।
 
मार्टिन ने कहा कि 30 मिनट से अधिक समय यात्रा करने वालों का औसतन 2.25 बीएमआई या करीब 7 किलोग्राम वजन कम हुआ। 

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