विश्व रक्तदान दिवस : महिलाएं कितनी बार ब्लड डोनेट कर सकती हैं

WD Feature Desk
बुधवार, 11 जून 2025 (13:27 IST)
World Blood Donor Day: हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है, रक्तदान के महत्व को उजागर करना, लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करना और उन अनगिनत जिंदगियों को याद करना जो रक्त की कमी के कारण बचाई नहीं जा सकीं।
 
जब भी रक्तदान की बात होती है तो पुरुषों की भागीदारी अधिक देखी जाती है, जबकि महिलाएं कई भ्रांतियों और स्वास्थ्य संबंधी आशंकाओं के कारण अक्सर पीछे रह जाती हैं। यह लेख इसी भ्रम को दूर करने और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से लिखा गया है कि महिलाएं भी नियमित रूप से रक्तदान कर सकती हैं, लेकिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
 
महिलाएं ब्लड डोनेट कर सकती हैं या नहीं? 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (NBTC) की गाइडलाइन्स के अनुसार, एक स्वस्थ महिला साल में दो बार ब्लड डोनेट कर सकती है। यह पुरुषों की तुलना में एक बार कम है क्योंकि महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म और प्रेग्नेंसी जैसी बायोलॉजिकल प्रोसेसेज़ से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा, यदि महिला का हीमोग्लोबिन लेवल 12.5 ग्राम/डेसीलीटर से अधिक है और उसका वजन 50 किलो या उससे ज्यादा है, तो वह बिल्कुल सुरक्षित तरीके से ब्लड डोनेट कर सकती है।
 
महिलाएं कम रक्तदान क्यों करती हैं? 
भारत जैसे देशों में महिलाओं के ब्लड डोनेट न करने के पीछे दो मुख्य कारण हैं, शारीरिक कमजोरी और सामाजिक मानसिकता। अक्सर यह माना जाता है कि महिलाएं पहले से ही एनीमिया या कमजोरी से जूझ रही होती हैं, इसलिए उन्हें ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए। सच तो यह है कि यदि महिला का स्वास्थ्य ठीक है, उसका हीमोग्लोबिन लेवल संतुलित है और उसे किसी क्रॉनिक बीमारी की शिकायत नहीं है, तो रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित है। यह भ्रांति कि रक्तदान से शरीर कमजोर होता है, अब पुरानी हो चुकी है।
 
ब्लड डोनेट करने से पहले महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
महिलाएं ब्लड डोनेट करने से पहले कुछ बेसिक हेल्थ चेकअप करवा लें जैसे कि –
महिलाओं के रक्तदान से जुड़ी 5 जरूरी बातें
रक्तदान: सिर्फ एक नेकी नहीं, स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है
बहुत से लोग सोचते हैं कि रक्तदान केवल एक सामाजिक दायित्व है, लेकिन इसके पीछे हेल्थ बेनिफिट्स भी छुपे हुए हैं। ब्लड डोनेट करने से शरीर में नई रेड ब्लड सेल्स बनने लगती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे हार्ट हेल्थ सुधरती है, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है और मानसिक रूप से भी संतोष मिलता है। 


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