जड़ से खत्म हो जाएगी पाइल्स की समस्या, रोज करें ये 3 योगासन

पाइल्स की समस्या से हैं परेशान? घर पर करें ये 3 योगासन

WD Feature Desk
Yoga For Piles
  • दंडासन की मदद से पाचन क्रिया मजबूत होती है।
  • पाइल्स से छुटकारा पाने के लिए पादांगुठासन फायदेमंद है।
  • पद्मासन भी पाइल्स की समस्या के लिए लाभकारी है।
Yoga For Piles : आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण पाचन संबंधी समस्याएं काफी अधिक बढ़ गई हैं। इस कारण से बबासीर जैसी कई गंभीर बीमारियां भी होने लगती हैं। बवासीर का मुख्य कारण कब्ज है जिस कारण से मल त्याग करने में काफी मुश्किल होती है। इसके साथ ही मल त्याग करते समय खून आना, जलन होना और दर्द की समस्या भी होने लगती है। ALSO READ: Chair Yoga: ऑफिस चेयर पर करें ये 3 योगासन, तुरंत कम होगा मोटापा
 
बवासीर होने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना ज़रूरी है और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह भी दी जाती है। डॉक्टर के इलाज के साथ ही इस समस्या से जल्द राहत पाने के लिए आप घर बैठे इन योगासन को कर सकते हैं। योग आपकी पाचन क्रिया को मजबूत करता है और पेट से जुड़ी समस्या को हल करने में मदद करता है।

इसके अलावा बवासीर या कब्ज जैसी समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए आप घर बैठे नियमित रूप से इन एक्सरसाइज को करें। आइए जानते हैं इन योगासन के बारे में (Yoga for Piles Pain Relief)...
1. दंडासन : दीवार से पीठ लगाकर बैठ जाएं, कूल्हे पूरी तरह से दीवार से स्पर्श करें। घुटने व टांगे सीधे करके बैठ जाएं। योग बेल्ट की मदद से पांव के पंजे अपनी ओर खींचें। इस आसन को दस से पंद्रह मिनट करें, बीच में थकान महसूस होने पर पांव ढीले छोड़ें। ऐसा करने से आपका पाचन मजबूत होता है और पेट से जुड़ी समस्या से जल्द राहत मिलती है। इस योगासन को करीब 10 मिनट तक रोज करें और धीरे-धीरे समय बढ़ा दें।
 
2. पादांगुठासन : पलंग या जमीन पर लेट कर दोनों टांगें सीधी कर लें। दोनों टांगें अपनी ओर खींचें। योग बेल्ट की मदद से टांग को सीधा ऊपर उठाएं। घुटना सीधा व पांव का पंजा अपनी ओर खींच कर रखें। आसन को लगभग एक से तीन मिनट के लिए रोकें। आसन को करते समय सांस न रोकें। ऐसा करने से आपकी इम्यूनिटी मजबूत होगी।
 
3. पद्मासन : यह आसन बैठकर किया जाता है। पहले पैर लंबे कर आपस में सटा लें फिर बाएं हाथ से दाएं पैर का अंगूठा पकड़कर दाहिने पैर को बाएं पैर की जंघा पर रख दें। फिर बाएं पैर को ऊपर की दाहिनी जांघ पर स्थापित करें। तब दोनों हाथ की कलाइयां घुटनों पर सीधी रखें। दोनों हाथ अंगूठे के पास वाली अंगुली अंगूठे से मिलाएं, बाकी तीन अंगुलियां सीधी रखें। आंखें बंद तथा रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। गर्दन सीधी तथा नासाग्र दृष्टि बनाए रखें अथवा भृकुटी पर चित्त को एकाग्र करें। यह समस्त दुर्भावनाओं का विनाशक पद्मासन कहा जाता है।
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