दोस्त, पत्नी, साली और कार के गाने : यह ठहाकेदार चुटकुला आपका दिमाग लगा देगा ठिकाने

Webdunia
मेरा दोस्त उसकी पत्नी और साली को लेकर कार से कहीं जाने वाला था। 
कार में गाने सुनने के लिए मेरा pen drive ले गया। 
Pen drive में मैंने कल ही "सुख-दुःख" title  वाले कुछ गाने भर के रखा था।
कार वह चला रहा था। 
पत्नी पीछे बैठी। साली अगली सीट पर बैठी। 
म्यूज़िक चालू किया। 
पहला गाना बजा।
आगे सुख तो पीछे दुख है...   
पत्नी गुस्सा हो गई। 
"गाड़ी रोको" और कार से उतर गई। साली भी उतर गई।
 जैसे तैसे समझाया। पत्नी अगली सीट पर बैठी। साली पीछे की सीट पर बैठ गई। 
कार चली।
 तब तक गाना चेंज हो गया।
 आना जाना लगा रहेगा, दुःख आएगा, सुख जाएगा...
पत्नी फिर गुस्सा ! गाड़ी रूकवाई। 
गुस्से में खुद भी साली के साथ पिछली सीट पर बैठ गई। कार फिर चली।
 अगला गाना बजा।
 सुख दुख दोनों रहते जिसमें जीवन है वो गांव, कभी धूप तो कभी छांव...
पत्नी अब गुस्से में पति को भला बुरा सुनाने लगी। जान बूझ कर ऐसे गाने बजा रहे हो, मुझे चिढ़ाने के लिए। 
गुस्से में साली को फिर अगली सीट पर भेज दिया।
आगे बढ़े। 
अगला गाना आया।
राही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती है दुख तो अपना साथी है, सुख है एक छांव ढलती, आती है जाती है....
अब तो पत्नी बिफर गई। चौक पर बड़बड़ाते हुए कार से उतर कर एक रोड पर मुड़ गई। 
माहौल बिगड़ता देख साली भी कार से उतर कर दूसरी रोड पर पैदल चली गईं। 
ड्राइविंग सीट पर बैठा बंदा सोचने लगा, पत्नी को मनाने इधर जाऊं या साली को मनाने उधर जाऊं ?
तब तक अगला गाना शुरू हो गया।
संसार है एक नदिया, सुख दुख दो किनारे हैं, ना जाने कहां जाएं हम बहते धारे हैं...

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

करणवीर मेहरा और उनकी जिंदगी में आईं महिलाएं, दो शादियां टूटी क्या तीसरी बार रहेंगे लकी?

इस शुक्रवार ओटीटी पर लगेगा कॉमेडी के साथ थ्रिलर का तड़का, ये फिल्में और वेब सीरीज होगी रिलीज

चंदू चैंपियन के लिए महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित हुए कार्तिक आर्यन

भाबीजी घर पर हैं से बॉलीवुड में कदम रखने जा रहीं शुभांगी अत्रे, बताया टीवी शो और फिल्म की शूटिंग में अंतर

International Happiness Day : राजकुमार हिरानी की फिल्मों के इन आइकॉनिक डायलॉग्स ने सिखाया खुश रहना

सभी देखें

जरूर पढ़ें

Loveyapa review: मोबाइल की अदला-बदली से मचा स्यापा

देवा मूवी रिव्यू: शाहिद कपूर और टेक्नीशियन्स की मेहनत पर स्क्रीनप्ले लिखने वालों ने पानी फेरा

Sky Force review: एयर फोर्स के जांबाज योद्धाओं की कहानी

आज़ाद मूवी रिव्यू: अमन-साशा की बिगड़ी शुरुआत, क्यों की अजय देवगन ने यह फिल्म

इमरजेंसी मूवी रिव्यू: कंगना रनौट की एक्टिंग ही फिल्म का एकमात्र मजबूत पक्ष

अगला लेख