हिन्दी क‍‍विता : अन्नदाता

राकेशधर द्विवेदी
वे देश के अन्नदाता हैं
वो तमाम कष्ट सह
पेट पालता है तमाम जनता का 
अकाल, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि
जैसी तमाम विपदाएं आ जाती हैं
उसके पास एक परम मित्र की तरह
या डायबिटीज की तरह 
बिना दरवाजे की कॉलबेल को बजाए
वह जिंदा रहता 
इन तमाम विपदाओं को झेलता 
मृत्यु से दो-दो हाथ करता
और देखता सुनता रहता है
तमाम दृश्य और श्रव्य माध्यमों पर 
इन विपदाओं को रोकने के 
सरकारी प्रयास को
बिना किसी प्रश्नचिन्ह के?
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

डाइजेशन से लेकर इम्यूनिटी तक: गर्मी में कच्चे पपीते का जूस ऐसे करेगा आपकी हेल्थ को सुपरचार्ज

खूबसूरत और हेल्दी बालों के दुश्मन हैं ये 5 सबसे खराब हेयर ऑयल्स, क्या आप भी कर रहे हैं इस्तेमाल?

बिना डाइटिंग के भी कम हो सकता है वजन, जानिए कौन सी हेल्दी आदतें अपनाने की है जरूरत

डिहाइड्रेशन से लेकर वजन घटाने तक, गर्मियों में खरबूजा खाने के 10 जबरदस्त हेल्थ बेनिफिट्स

अखरोट के साथ ये एक चीज मिलाकर खाने के कई हैं फायदे, जानिए कैसे करना है सेवन

सभी देखें

नवीनतम

दाभेली और वड़ा पाव में क्या है अंतर?

एलोवेरा के साथ मिलाकर लगाएं ये चीजें, मजबूत होंगे बाल, आ जाएगी गजब की शाइन

वक्फ विधेयक पारित होने के मायने

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर : समता, न्याय और नवजागरण के प्रतीक

बाबा साहब अंबेडकर जयंती पर कुछ दोहे

अगला लेख