अटल जी को श्रद्धांजलि : सूर्य कभी अस्त नहीं होता...

संजय वर्मा 'दृष्ट‍ि'
सूर्य उदय से सूर्यास्त तक 
सुनहरी गुलाबी 
बदलती किरणों को 
निहारकर 
शब्दों में
किताबों में
रचते रहे सदा।
 
शब्दों का गुम हो जाना 
नामुमकिन-सा होता 
किताबें अमर होती
जैसे अमर हुए अटलजी।
 
अटलजी ने 
अनुभवों की झोली से
साहित्य जगत को बांटा
काव्य का प्रसाद।
 
काव्य के
अनमोल शब्द 
आज भी कानों में
गूंजा करते
करतल ध्वनियों
और वाह-वाह के
शब्दों के साथ।
 
अटलजी
हमारे बीच सदा रहेंगे
जब-जब दोहराई जाएंगी
उनकी कविताएं।
 
फिर गूंज उठेंगे साहित्य के पांडाल
साहित्य के आंगन में
कहते हैं सूर्य कभी अस्त
होता नहीं
जैसे अटलजी!

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कौन हैं महरंग बलोच, जिनसे पाकिस्तानी फौज भी खाती है खौफ?

kunal kamra controversies : कुणाल कामरा कैसे बने चर्चित कॉमेडियन, विवादों से रहा है पुराना नाता

सुनिता विलियम्स की वापसी अटकी थी राजनीति के कारण

सांसदों का वेतन बढ़ा, 34 हवाई यात्राएं, 50 हजार यूनिट, जानिए आपके माननीयों और क्या-क्या मिलता है फ्री

क्या प्रेंग्नेंट है मुस्कान, टेस्ट से सामने आएगा सच, साहिल ने मांगा सरकारी वकील, जानिए कैसी बीत रही हैं दोनों की रातें

सभी देखें

नवीनतम

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 454 पेड़ काटने पर 454 लाख का जुर्माना

LIVE: दिल्ली हाईकोर्ट का आतिशी को नोटिस

ओडिशा विधानसभा में रातभर चला ड्रामा, कांग्रेस विधायकों ने सड़क पर बिताई रात

महादेव ऐप घोटाला: भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ीं , CBI ने कसा शिकंजा

महंगा होगा ATM से पैसे निकालना, RBI ने जारी किया नोटिफिकेशन

अगला लेख