Father’s day poem: पि‍ता प्यार है, जीवन का आधार है

Webdunia
रविवार, 21 जून 2020 (14:45 IST)
कव‍ि - राहुल गढ़वाल
 

पिता प्रेम है, प्यार है...
 
पिता प्रेम है, प्यार है,
जीवन का आधार है।
 
पिता वो वृक्ष है,
जो छाया देता संतान को,
खड़ा रहता है हर-पल।
 
पिता वो आसमां है,
जो छत बना रहता है,
बच्चों के लिए ताउम्र।
 
पिता वो डोर है,
जो बांधती है, उन नन्हें हाथों को,
दुनिया की कशमकश से।
 
पिता वो समंदर है,
जो देता है हर नायाब मोती,
संतान को प्रेम से।
 
लेकिन आज,
मुझे तरस आता है पिता पर,
उन औलादों को देखकर।
 
जिस वृक्ष की छाया में पनपे,
वो आज तरसता है थोड़ी-सी,
छांव के लिए।
 
जिस आसमां के नीचे,
बना इनका जहां, उसमें घाव कर दिए,
अपने कर्मों से।
 
उस डोर की इन्होंने, कीमत न समझी,
जिसने रूबरू किया,
दुनिया से जोड़ा था इनको।
उसे तोड़, छोड़ दिया,
कशमकश में उसे।
 
समंदर से मोती चुनने के बाद,
किनारा कर लिया उससे,
खारा जल समझकर।
 
लेकिन आज भी,
पिता के वात्सल्य के मायने नहीं बदले,
अपनी औलाद के लिए।
 
वो आज भी खड़ा है, अपने अंश के लिए,
खुद के लिए बेपरवाह,
संतान को आशीष देने के लिए।
 
शायद इसलिए,
पिता प्रेम है, प्यार है,
जीवन का आधार है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डॉक्टर्स और एक्सपर्ट

Winter Fashion : सर्दियों में परफेक्ट लुक के लिए इस तरह करें ओवरसाइज्ड कपड़ों को स्टाइल

सभी देखें

नवीनतम

सार्थक बाल साहित्य सृजन से सुरभित वामा का मंच

महंगे क्रीम नहीं, इस DIY हैंड मास्क से चमकाएं हाथों की नकल्स और कोहनियां

घर में बेटी का हुआ है जन्म? दीजिए उसे संस्कारी और अर्थपूर्ण नाम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

अगला लेख