कबीर पर कुंडलियां

सुशील कुमार शर्मा
बुधवार, 11 जून 2025 (16:01 IST)
1
सादा जीवन सब जिएं, मन में उच्च विचार।
जात पांत सब दूर हों, यह कबीर का सार।
यह कबीर का सार, ज्ञान की ज्योति जलाई।
दूर किए सब भेद, प्रेम की सीख सिखाई।
एकई राम रहीम, प्रेम का करके वादा।
कपट-दंभ से दूर, जियो सब जीवन सादा।
 
2
साखी सबद कबीर के, ज्ञान पुंज आधार।
जड़ें हिलीं पाखंड की, ऐसा किया प्रहार।
ऐसा किया प्रहार, राह प्रभु की दिखलाई।
भक्ति जीव आधार, प्रेम गंगा बरसाई।
सद्गुरु संत कबीर, ज्ञान के बन कर पाखी।
बने सत्य आधार, संत के दोहा साखी।।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)ALSO READ: प्रेरणादायक बाल कविता: बचपन देखो, कितना प्यारा
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

भारत के विभिन्न नोटों पर छपीं हैं देश की कौन सी धरोहरें, UNESCO विश्व धरोहर में हैं शामिल

लोहे जैसी मजबूत बॉडी के लिए इन 5 आयरन से भरपूर फूड्स को अभी करें अपनी डाइट में शामिल

क्या हमेशा मल्टी ग्रेन आटे की रोटी खाना है सेहतमंद, जान लें ये जरूरी बात

7 चौंकाने वाले असर जो खाना स्किप करने से आपकी बॉडी पर पड़ते हैं, जानिए क्या कहती है हेल्थ साइंस

मानसून में डेंगू के खतरे से बचने के लिए आज ही अपना लें ये 5 आसान घरेलू उपाय

सभी देखें

नवीनतम

क्या है शिव शक्ति रेखा पर मौजूद 7 शिव मंदिरों का रहस्य, प्राचीन भारतीय ज्ञान जिसे देख विज्ञान भी हैरान

पुरानी नींव, नए मकान

दीये की रोशनी में पढ़कर किया आविष्कार, बाल वैज्ञानिक पूजा पाल ने जापान में लहराया तिरंगा

बाल गीत: बुढ्ढी के बाल

मिट्टी के बिना सब्जियां उगाएं

अगला लेख