नई कविता : जीवन स्वप्न है...

जाह्नवी सिंह
बड़ा सुंदर स्वप्न है जीवन
अद्‍भुत मनोरम झण है जीवन
कभी अबूझ पहेली सा 
तो कभी पारदर्शी है जीवन
अनमोल प्राकृतिक उपहार है
रस की सरिता से गुलज़ार है
आकांक्षाओं का एक बाजार है
कोई बेच रहा तो कोई खरीदार है
कभी नादानी तो कभी बेईमानी
इन सब में गिरफ्तार है जीवन
आशा व निराशा भरे जग में
कौतूहल अविराम है जीवन
खुली आंखों में नींद के स्वप्न
ह्रदय में भरे सैकड़ों उन्माद है
माना अत्यंत पीड़ा है जग में
फिर भी अतुल्य मिठास है जीवन।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?

मिस वर्ल्ड 2025 ने 16 की उम्र में कैंसर से जीती थी जंग, जानिए सोनू सूद के किस सवाल के जवाब ने जिताया ओपल को ताज

ऑपरेशन सिंदूर पर निबंध: आतंकवाद के खिलाफ भारत का अडिग संकल्प, देश के माथे पर जीत का तिलक

सभी देखें

नवीनतम

45 मिनट वॉक करने से ब्लड शुगर लेवल में आते हैं ये 5 बड़े बदलाव

अरेंज मैरिज करने से पहले पार्टनर के बारे में जान लें ये बातें वरना हो जाएगी सोनम और राजा रघुवंशी जैसी हालत

पापा मेरी जान हरदम रखना अब सर पर ये हाथ तुम... फादर्स डे पर समर्पित पिता पर 10 लाइन

जयंती विशेष: कबीर दास जी पर निबंध

कैंसर बढ़ाने वाले 6 खतरनाक फूड्स और उनके हेल्दी विकल्प: जानिए क्या खाना है और क्या नहीं

अगला लेख