खुशियाँ फिर लौटेंगी एक दिन : lock down पर यह कविता दिल जीत लेगी आपका

डॉ. दीपा मनीष व्यास
ज़िन्दगी में खुशियाँ फिर लौटेंगी एक दिन
मिल बैठेंगे हम सब यार एक दिन
अदरक वाली चाय और चटपटे समोसों से
फिर गुलज़ार होगी सुनी मेज़ एक दिन
हँसी ठहाके वो बेपरवाह मस्ती से
फिर जमेगी यारों की महफ़िल एक दिन
गुज़र ही जायेंगे ये पल रुसवाई के
फिर खिलखिलायेंगी बहारें एक दिन
तुम मुस्कुराकर इंतज़ार करो शिद्दत से
फिर जवां होंगी मुलाकातें एक दिन
 
स्वस्थ रहिए  , मुस्कुराते रहिए 
मिलना है हमें इसलिए घर में रहिए... 

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