कविता : नववर्ष का स्वागत

सुशील कुमार शर्मा
आगत का स्वागत करें, गत को विदा सहर्ष।
जीवनक्रम में आ बसा, सन् उन्नीस सुवर्ष।
 
नए वर्ष की भोर है, सपने नवल किशोर।
धूप की चादर ओढ़कर, ठंड मचाए शोर।
 
ऊर्जित मन आशा भरे, देखें आगत ओर।
बीते ने जो भी दिया, बांध लिया मन छोर।
 
अभिनंदन आह्लाद से, भौंरे गाते गीत।
शुभागमन नववर्ष का, आवाहित मन मीत।
 
अगहन, कार्तिक मास के, चढ़कर सीने ठंड।
सूरज को ठुठरा रही, सर्दी बड़ी प्रचंड।
 
ज्योति सुमंगल पावनी, नए नवल निष्कर्ष।
खुशियों से पूरित रहे, कल्पवृक्ष ये वर्ष।
 
सुबह-सबेरे की किरण, विभा भोर की ओस।
तन-मन पुलकित पुष्प-सा, छूटे सब अफसोस।
 
राधा मन में बस गई, साथ मिले घनश्याम।
नए वर्ष में अब चलो, विचरेंगे ब्रजधाम।
 
विदा अठारह आज तुम, चले छोड़ मन चित्र।
बहुत दिया तुमने हमें, याद रहोगे मित्र।
 
आप सभी को सपरिवार अंग्रेजी नए साल की शुभकामनाएं...!

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या होता है DNA टेस्ट, जिससे अहमदाबाद हादसे में होगी झुलसे शवों की पहचान, क्या आग लगने के बाद भी बचता है DNA?

क्या होता है फ्लाइट का DFDR? क्या इस बॉक्स में छुपा होता है हवाई हादसों का रहस्य

खाली पेट ये 6 फूड्स खाने से नेचुरली स्टेबल होगा आपका ब्लड शुगर लेवल

कैंसर से बचाते हैं ये 5 सबसे सस्ते फूड, रोज की डाइट में करें शामिल

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

सभी देखें

नवीनतम

वीरांगना की अमर गाथा: झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि, पढ़ें 10 ऐतिहासिक विचार

'हर बेटी में है लक्ष्मीबाई', पढ़ें रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस पर 15 बेहतरीन स्लोगन

हनुमंत सदा सहायते... पढ़िए भक्तिभाव से भरे हनुमान जी पर शक्तिशाली कोट्स

21 जून योग दिवस 2025: अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के 10 फायदे

अगला लेख