फिर नया शुभ प्रभात करें : नई गज़ल

मधु टाक
नज़रों से ही नहीं अधरों से भी कुछ तो बात करें
कोरा है जीवन का कागज़  लफ्ज़ों की बरसात करें
 
कहने को तो सारी दुनिया है मेरे आँचल में समाई
चलो अब सातो आसमान से मिलने की शुरुआत करें
 
मेरी हर एक बात में हो छंद हर साँस में हो गंध
आओ मन उपवन में खिलते मोगरे की बात करें
 
कामयनी सा रूप तुम्हारा संध्या का श्रंगार हो
मादकता छलक न जाए समर्पित यह सौगात करें
 
थक चुकी हूँ जमाने की लगाई हुई पाबंदियों से
तोड़कर रस्म-ओ रिवाज बगावत की बात करें
 
सफर यह दोस्ती का कुछ इस तरह भी तय करें
भूलकर मंजिल रास्तों से गले मिलने की बात करें
 
न रहे मलाल कभी जिंदगी में किसी की चाहत का
भौर की पहली किरण से फिर नया शुभ प्रभात करें
 
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें पैदा ऐसे हालात करें
बैठकर तेरे पहलू में कुछ "मधु" सी फिर बात करें।।
      ।। मधु टाक।।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?

अगला लेख