कविता : अजन्मी बेटी का दर्द

Webdunia
सीमा जैन 
 
मैं इस धरा पर बोझ हूं, यह तूने कैसे जान लिया मां 
मेरे जन्म से पहले ही 
कोख में क्यों मार दिया मां 
 
मैं भी इस आंगन में खेलना चाहती थी
चिड़ियों की तरह चहकना चाहती थी 
फिर मुझसे मेरा हक क्यों छीन लिया मां
मैं ही दुर्गा का रूप हूं 
मैं ही लक्ष्मी का अवतार हूं 
फिर मुझे कोख में ही क्यों मार दिया मां 
 
मैं तेरे ही लहू से सींची गई हूं 
तेरे ही जिस्म का हिस्सा हूं 
मैं दो परिवार की शान हूं 
फिर तूने अपने ही जिस्म से कैसे अलग कर दिया मां 
 
मुझसे वंश नहीं चलेगा 
क्या इस खातिर 
मुझसे मेरा बचपन छीन लिया मां 
 
मुझसे ही तीज, राखी, भैया दूज की रौनक है 
मुझे इन उत्सवों से क्यों वंचित कर दिया मां 
मुझे कोख में ही क्यों मार दिया मां 
 
ऐसी तेरी क्या मजबूरी रही 
क्यों मौन यह कर, सहर्ष स्वीकार किया
मेरे जन्म से पहले ही 
कोख में क्यों मार दिया मां 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या स्ट्रेस और घबराहट को कम करने में असरदार है डार्क चॉकलेट?

कहीं बच्चे के रोने का कारण पेट में ऐंठन तो नहीं? राहत पाने के लिए अपनाएं ये असरदार टिप्स

स्वेटर और जैकेट के साथ ऐसे करें ज्वेलरी स्टाइल, प्रोफेशनल और पार्टी लुक को मिनटों में बनाएं खास

प्रीति जिंटा ने वीडियो पोस्ट कर बताया अपनी फिटनेस का राज, आप भी जानें

बेहतर नींद के लिए पीजिए ये चाय, जानिए पीने का सही समय और फायदे

सभी देखें

नवीनतम

15 दिसंबर : लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर पढ़ें उनके अनमोल विचार जो सिखाते हैं जीवन का पाठ

2024 में ऑनलाइन डेटिंग का जलवा : जानें कौन से ऐप्स और ट्रेंड्स रहे हिट

ये थे साल 2024 के फेमस डेटिंग टर्म्स : जानिए किस तरह बदली रिश्तों की परिभाषा

कटे फल नहीं पड़ेंगे काले, इन हेक्स की मदद से ट्रेवल या टिफिन में लम्बे समय तक फ्रूट्स को रखें फ्रेश

सर्दियों में इन 4 अंगों पर लगाएं घी, सेहत को मिलेंगे गजब के फायदे

अगला लेख