छत्तीसगढ़ : प्रवासी कविता

Webdunia
शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2021 (13:49 IST)
उद्गम जहाँ है महानदी का, 
वहीं हमारा छत्तीसगढ़, 
'चित्रकूट जलप्रपात' का, 
नाद सुनाता छत्तीसगढ़। 
 
छत्तीसगढ़ के वनों से गुजरे, 
वनवासी श्री राम,
राम-भक्त शिवरी का,
शिवरीनारायण ग्राम। 
 
सागौन साल के सघन वन, 
पर्वत श्रृंखलाओं की माला,
वन्य पशुओं का स्वतंत्र विचरण, 
प्रभु ने इसको है ढाला। 
 
'धान का कटोरा' छत्तीसगढ़, 
खनिजों का है खान,
इस्पात एलुमिनम का उत्पादन, 
कम जितना करें बखान। 
 
कुछ नगर यहां के रायगढ़, 
सारंगढ़, डोंगरगढ़, मनेंद्रगढ़,
धर्मजैगढ़, पामगढ़, खैरागढ़, 
गढ़ों का गढ़ है छत्तीसगढ़। 
 
उत्तर में अम्बिकापुर, 
दक्षिण में है बीजापुर, 
मध्य में बिलासपुर, 
राजधानी है रायपुर। 
 
हम दुनियाँ में कहीं रहें, 
दिल से तो हैं छत्तीसगढ़िया, 
देश विदेश बहुत हैं देखे, 
छत्तीसगढ़ है सबसे बढ़िया। 


कविता रचयिता - हर नारायण शुक्ला
मिनियापोलिस , मिनिसोटा , USA.

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

गर्मियों में अमृत के समान है गोंद कतीरा का सेवन, जानिए क्या हैं फायदे

गर्मियों में शरीर को ठंडक देंगे ये 5 ठंडी तासीर वाले ड्राई फ्रूट्स, जानें इनके हेल्थ बेनिफिट्स

लिवर में चर्बी जमा सकते हैं ये 10 फूड्स, क्या आप भी कर रहे हैं इनका सेवन?

जानिए दाल सब्जी में नींबू की कुछ बूंदें निचोड़ कर खाने से शरीर को मिलते हैं क्या फायदे

40 के आस - पास इस तरह अपना खयाल रखने से, मेनोपॉज की तकलीफ को कर सकती हैं कम

सभी देखें

नवीनतम

रोम-रोम में राम बसे, भक्ति में डूबे इन शुभकामना संदेशों को भेज कर मनाएं राम जन्मोत्सव

महावीर जयंती 2025 पर निबंध: महावीर स्वामी के जीवन और शिक्षाओं से सीखें अहिंसा का पाठ

Manoj Kumar death cause: हार्ट की इस गंभीर बीमारी के कारण हुआ दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का निधन

अपने भीतर के राम को पहचानिए! गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

राम नवमी पर क्या क्या बनाएं, जानें 10 पारंपरिक भोग

अगला लेख