कविता : राम का आह्वान

Webdunia
बुधवार, 18 अक्टूबर 2017 (16:02 IST)
पंकज सिंह
चकमक से जगमग हुआ दीया
दीये से फिर जला दीया
तारों से भरी रात है
चांद की नहीं बात है
 
स्वर्ण नगरी का राजा कहां है
अमावस को भी सितारों का जहां है
अच्छाई पर बुराई की जीत है
मर्यादा की अवध से प्रीत है
 
राम राज की सुध ले लें
मन का मन से दीप जला लें
पंचशील का पर्व मना लें
महावीर को अपने में उतार लें
 
जुगनू-सा दीप्त कर लें
अंधेरा दूर करने का प्रण ले लें
एकला चल कारवां बना लेंगे
रावण को एक ना एक दिन हरा देंगे
 
अयोध्या पुकार रही है
कब आओगे राम कह रही है
अवतार ले आ जाओ
प्रजा के रहबर बन दिखलाओ
 
आशा का दीपक जला रहा हूं
सबके राम को बुला रहा हूं
दीपावली जन जन मना रहा है
आह्वान आपका कर रहा है

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

जैव विविधता पर कविता : मैं अब भी प्रतीक्षा में हूं

ओरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, जानिए इतिहास

एक अद्वितीय शासक और लोकमाता: रानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रेरणादायक गाथा

31 मई को लोकमाता अहिल्या बाई की जयंती: अपने परिजनों, मित्रों को भेजें ये 10 सुंदर मैसेज

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

अगला लेख